मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने गुरुवार को आरोप लगाया कि तीन नए कृषि कानूनों को लागू कर केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र का निजीकरण करना चाहती है.

कमलनाथ ने भोपाल में पत्रकार वार्ता में सरकार के खिलाफ कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन और किसानों के लिये जागरुकता अभियान शुरु करने की घोषणा करते हुए दावा किया, ‘‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और उसकी राजनीतिक शाखा बीजेपी सदैव से पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की हिमायती रहे हैं जबकि कांग्रेस पार्टी सदैव से ही समाजवादी अर्थव्यवस्था व विचारधारा की समर्थक रही है.’’

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि इन्होंने (भाजपा एवं आरएसएस) पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा किये गये बैंकों और कोयला खदानों के राष्ट्रीयकरण का भी विरोध किया था. उन्होंने आरोप लगाया, ‘ केन्द्र सरकार तीन कृषि विपणन कानूनों के साथ कृषि क्षेत्र का निजीकरण करना चाहती है.’’ उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के किसान सरल हैं और तीनों नए कानून उनके हितों के खिलाफ हैं.

मालूम हो कि दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले 40 दिनों से अधिक समय से हजारों किसान और अन्य लोग डेरा डाले हुए हैं. ये सरकार से तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने और उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य कानूनी गारंटी देने सहित अपनी अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.

कमलनाथ ने कहा कि आरएसएस व भारतीय जनसंघ ने आजादी के बाद से ही बड़े सार्वजनिक उपक्रमों (सेल, भेल, एनटीपीसी, ओएनजीसी व आईओसी जैसे उपक्रमों) व बड़े बांधों का विरोध किया. वर्ष 2014 में पहली बार आरएसएस व बीजेपी को अपना एजेण्डा लागू करने के लिये स्पष्ट बहुमत मिला. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत का कृषि उत्पाद का कारोबार 15-18 लाख करोड़ रुपये का है जिस पर बड़े कॉरपोरेट व बहु राष्ट्रीय कंपनियों की नजर है. इन कंपनियों को इसमें प्रवेश कराने के लिये ही तीनों कानून बनाए गए हैं.

कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश भर की तहसीलों और जिलों सहित विभिन्न स्थानों पर किसानों के समर्थन में और सरकार के खिलाफ हमारा विरोध प्रदर्शन 23 जनवरी तक जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि 15 जनवरी को कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदेश में किसानों के साथ दोपहर 12 बजे से दो घंटे तक का चक्का जाम आंदोलन करेगें . इसके अलावा प्रदेश के मुरैना में 20 जनवरी को विशाल किसान महापंचायत आयोजित की जायेगी.

उन्होंने कहा कि तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसानों के साथ उनकी पार्टी 23 जनवरी को राजभवन (राज्यपाल का सरकारी निवास) का घेराव करेगी.

कमलनाथ ने कहा कि वह स्वयं 16 जनवरी को छिंदवाड़ा जिले में किसान जागरण के तहत किसान सम्मेलन में शामिल होंगे. प्रदेश के अलग अलग स्थानों पर इस तरह के किसान सम्मेलन आयोजित किये जायेंगे.