भारत के नए प्रधान न्यायाधीश (Chief Justice of India) के रूप में जस्टिस एनवी रमन्ना (N. V. Ramana) ने शपथ ली है. इन्होंने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में कई बड़े फैसले दिए हैं जिनमें से एक जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट पर प्रतिबंध का अंत सुनिश्चित करना और निर्णय के तहत उच्चतम न्यायाल पारदर्शिता कानून के दायरे में आया था. न्यायमूर्ति एन वेंकट रमन्ना ने देश के 48वें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शनिवार को शपथ ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद की शपथ दिलाई है.

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ANI के मुताबिक, दिल्ली में न्यायाधीश एन.वी. रमन्ना ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में उन्हें शपथ दिलाई.

27 अगस्त, 1957 को जन्में एनवी रमन्ना ने 10 फरवरी 1983 में एडवोकेट के रूप में नियुक्त हुए. 27 जून, 2000 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए और 10 मार्च, 2013 से 20 मई, 2013 तक आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहर मुख्य न्यायाधीश के पद पर कार्यरत हुए. 2 सितंबर, 2013 को दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत किए गए और 17 फरवरी, 2014 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए.

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