परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) ने केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर (Jammu And Kashmir) के विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन पर अंतिम रिपोर्ट जारी कर दी है. गुरुवार 5 मई 2022 को नई दिल्ली में जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग ने एक बैठक के बाद रिपोर्ट जारी की. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, आयोग के लिए 6 मई 2022 तक अंतिम रिपोर्ट सौंपने की समय सीमा निर्धारित की गई थी. इससे पहले आयोग की तरफ से मसौदा रिपोर्ट जारी कर जम्मू-कश्मीर से सुझाव लिए गए थे. परिसीमन आयोग के रिपोर्ट जारी होने के साथ ही अब जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए जाने का रास्ता साफ हो गया है. ऐसे में आपको आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर में भी नेताओं की रैली, भाषण आदि चीजें देखने को मिलने लगेगी.

यह भी पढ़ें: भारतीय रेलवे का बड़ा फैसला, कैंसिल की 1100 ट्रेनें, जानें वजह

आपकी जानकारी के लिए बता दें जम्मू-कश्मीर (Jammu And Kashmir) में विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने से यहां पर 7 विधानसभा सीटों की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि जम्मू संभाग में 6 व कश्मीर संभाग में एक विधानसभा सीट को बढ़ाया गया है. ऐसा पहली बार हुआ है कि अनुसूचित जनजाति के लिए जम्मू कश्मीर में 9 विधानसभा सीटों को आरक्षित करने का प्रावधान किया जा रहा है जबकि अनुसूचित जाति के लिए पहले की तरह ही 7 विधानसभा सीटें आरक्षित रखी गई हैं. जम्मू-कश्मीर की नई विधानसभा में कश्मीरी पंडितों और पिओजेके विस्थापितों को प्रतिनिधित्व मिल सकता है.

यह भी पढ़ें: सौ साल के बुजुर्ग ने 100 मीटर रेस में बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, टाइमिंग देखें

जम्मू-कश्मीर विधानसभा की प्रस्तावित तस्वीर

कुल सीटें- 90

कश्मीर संभाग- 47

जम्मू संभाग- 43

अनुसूचित जाति- 07

अनुसूचित जनजाति- 09

यह भी पढ़ें: हनुमान चालीसा विवाद: MP नवनीत राणा जेल से रिहा होकर अस्पताल में एडमिट हुईं

हर लोकसभा में होंगे 18 विधानसभा क्षेत्र

बता दें कि परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) ने जम्मू-कश्मीर (Jammu And Kashmir) की लोकसभा सीटों में भी फेरबदल किया है. अब कश्मीर व जम्मू दोनों संभागों के हिस्से ढाई-ढाई लोकसभा सीटें होंगी. पहले जम्मू संभाग में उधमपुर डोडा व जम्मू तथा कश्मीर में बारामुला, अनंतनाग व श्रीनगर की सीटें थी. नई व्यवस्था के अनुसार, अनंतनाग सीट को अब अनंतनाग राजौरी पुंछ के नाम से जाना जाएगा यानी जम्मू सीट से 2 जिले राजौरी व पुंछ निकालकर अनंतनाग में शामिल किए गए हैं. अब प्रत्येक लोकसभा सीट में 18 विधानसभा सीटें होंगी. उधमपुर सीट से रियासी जिले को निकालकर जम्मू में जोड़ दिया गया है.

यह भी पढ़ें: हरियाणा में 4 संदिग्ध खालिस्तानी आतंकी गिरफ्तार, मिला विस्फोटकों का जखीरा

जम्मू में 6 और कश्मीर में 1 सीट बढ़ी

राज्य पुनर्गठन अधिनियम के मुताबिक, विधानसभा की 7 सीटें बढ़ी है. पहले विधानसभा के सदस्यों की संख्या 83 थी अब 90 हो जाएगी. केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले विधानसभा में सीटों की संख्या 87 थी जिसमें 4 सीटें लद्दाख की थी. लद्दाख के अलग होने के बाद जम्मू कश्मीर में 83 सीटें रह गई थी जो अब 7 सीट बढ़ने के बाद 90 हो जाएंगी. बता दें कि परिसीमन आयोग ने एक सीट कश्मीर और 6 सीट जम्मू संभाग में बढ़ाई हैं.

जानिए कब हो सकते हैं विधानसभा चुनाव

जम्मू-कश्मीर (Jammu And Kashmir) में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) अक्टूबर के महीने तक हो सकते हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने फरवरी में कहा था कि परिसीमन की प्रक्रिया जल्द पूरी होने वाली है. अगले छह से आठ महीनों के अंदर विधानसभा के चुनाव होंगे. इसमें किसी प्रकार का कोई संदेह नहीं है. ऐसा माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव अमरनाथ यात्रा के बाद कराना ज्यादा फायदेमंद रहेगा क्योंकि यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था के लिए केंद्रीय बल प्रदेश में मौजूद रहेंगे. चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था के लिए अतिरिक्त तामझाम की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.

क्या है परिसीमन?

विधायी निकाय वाले क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों की सीमा तय करने की प्रक्रिया को परिसीमन कहते हैं. परिसीमन का काम किसी उच्चाधिकार निकाय को दिया जाता है. केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद प्रदेश में एक बार फिर परिसीमन के लिए आयोग बनाया गया है. इस बार सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में परिसीमन आयोग का गठन किया गया है.

यह भी पढ़ें: UPSC Exam Calendar 2023: यूपीएससी एग्जाम कैलेंडर जारी हुआ, ऐसे देखें