Jaipur Blast Case: साल 2008 में राजस्थान की राजधानी जयपुर में दिल दहला देनेवाली घटना हुई थी. 13 मई 2008 में जयपुर सीरियल ब्लास्ट (Jaipur Blast Case) की घटना हुई थी जिसमें 20 मिनट में 8 धमाके हुए और 71 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं, इस मामले में 11 साल बाद चार आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी. लेकिन वहीं अब घटना के 15 साल बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने इन चार आरोपियों को बरी कर दिया है.

Jaipur Blast Case पर हाईकोर्ट का फैसला

जयपुर में 8 धमाके और 71 मौत के मामले में 20 दिसंबर 2019 को चार आरोपियों को ट्रायल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी. वहीं, हाईकोर्ट ने मामले में डैथ रेफरेंस सहित दोषियों की ओर से पेश 28 अपीलों पर फैसला लेते हुए सभी दोषियों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि ATS ने भरोसे लायक सूबत पेश नहीं किये हैं. कोर्ट ने सभी सबूतों को खारिज कर दिया.

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गहलोत सरकार को लगा है बड़ा झटका

इस मामले में अब गहलोत सरकार को भी झटका लगा है. दरअसल 2008 में हुए इस सीरियल बम ब्लास्ट के बाद राजस्थान सरकार ने आरोपियों को पकड़ने के लिए एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड़ (ATS) का गठन किया था. अलग-अलग जगहों पर 8 सिलसिलेवार धमाकों से पुरा जयपुर ही दहल उठा था. इस मामले में 71 लोगों की जान गई थी और करीब 176 लोग घायल हुए थे.जयपुर ब्लास्ट मामले में एटीएस ने 11 आतंकियों को नामजद किया था. डैथ रेफरेंस पर हाईकोर्ट में करीब 48 दिन तक सुनवाई चली थी. सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने 29 मार्च को फैसला लिया और सभी चार दोषियों को बरी कर दिया है.

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फैसले के बाद अब होगा सवाल

हाईकोर्ट का ये फैसला काफी गंभीर है. क्योंकि एक तरफ जहां ट्रॉयल कोर्ट ने दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी. वहीं, अब उन्हें बरी कर दिया गया है. वहीं, मामले में ATS कटघरे में खड़ी है. क्योंकि, आरोपी 15 साल से कैद में हैं और अब वह निर्दोष करार दिये गये हैं. ऐसे में जांच और कोर्ट की प्रक्रिया पर बड़े सवाल खड़ा होना लाजमी है.