मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर (Indore) के पातालपानी रेलवे स्टेशन (Patalpani railway station) और शहर के दो अन्य लैंडमार्क का नाम बदलकर आदिवासी आइकन तांत्या भील (Tantya Bhil) के नाम पर रखने की घोषणा की है. 

भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम हाल ही में ‘रानी कमलापति’ के नाम पर रखा गया था, जोकि भोपाल की अंतिम गोंड आदिवासी शासक थीं. 

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पिछली सरकारों पर आदिवासी इतिहास की अनदेखी का आरोप लगाते हुए शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि 53 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किए जा रहे इंदौर के भंवर कुआं चौराहा और एमआर 10 बस स्टैंड का नाम भी तांत्या भील के नाम पर रखा जाएगा.

चौहान ने सप्ताह भर चले जनजातीय गौरव दिवस समारोह के समापन पर कहा, “भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन की तरह, पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम तांत्या भील के नाम पर रखा जाएगा, जिन्होंने अपने जीवन का बलिदान दिया था.”

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15 नवंबर को आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती पर मनाए जाने वाले ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के अवसर पर, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा था कि पिछली सरकारों ने इतिहास की अनदेखी की थी और आदिवासियों का योगदान की अनदेखी की थी. 

चौहान ने कहा कि देश और मध्य प्रदेश में जनजातियों का एक गौरवशाली अतीत रहा है और स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी नायकों ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. अंग्रेजों ने हमारे कबीलों के गौरव को खत्म करने के लिए हर संभव कोशिश की थी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उस गौरव को बहाल करेगी.

मध्य प्रदेश के सीएम ने कहा, “स्वतंत्रता संग्राम और मुगलों के खिलाफ लड़ाई में गोंडवाना साम्राज्य के योगदान के बारे में इतिहास को ठीक से नहीं पढ़ाया गया. स्वतंत्रता संग्राम के बारे में गलत इतिहास पढ़ाया गया और उन्होंने केवल एक परिवार के बारे में बात करते हुए कहा कि हमें नेहरू जी (जवाहरलाल नेहरू) और इंदिरा जी (इंदिरा गांधी) की वजह से आजादी मिली. राजा शंकर शाह, रघुनाथ शाह, तांत्या मामा (भील), भीम नायक जैसे आदिवासी प्रतीकों के योगदान के बारे में कभी नहीं बताया गया.

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आदिवासियों द्वारा “भारतीय रॉबिन हुड” के रूप में जाना जाता है, तांत्या भील को उन क्रांतिकारियों में से एक के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने 12 वर्षों तक ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष किया था। कहा जाता है कि टंट्या ब्रिटिश सरकार के खजाने को लूट कर गरीबों में बांट दिया करता था।

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