केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के विकास और सुरक्षा के मुद्दे पर समीक्षा बैठक की. इस बैठक में कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, जम्मू-कश्मीर प्रशासन सहित गृह मंत्रालय के दूसरे अधिकारी भी शामिल हुए. इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर के विकास और सुरक्षा के हालातों के बारे में बताया.

साथ ही ये भी बताया गया कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को लेकर वर्तमान स्थिति क्या है? बता दें कि जिससे पिछले कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कमी आई है. अमित शाह (Amit Shah) ने सुरक्षा एजेंसियों के प्रयासों की सराहना की. जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाएं 2018 में 417 से घटकर 2021 में 229 हो गईं. शहीद हुए सुरक्षा बलों के जवानों की संख्या 2018 में 91 से घटकर 21 में 42 हो गई है.

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अमित शाह ने अधिकारियों को सीमा पार से घुसपैठ को लेकर जीरो पॉलिसी नीति को दोहराते हुए सुरक्षा ग्रिड को और अधिक मजबूत करने के निर्देश दिए. जिससे सीमा-पार घुसपैठ शून्य हो और आतंकवाद का उन्मूलन हो सके.आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही अमित शाह जम्मू-कश्मीर के हालातों पर नजर बनाए हुए है और समय समय पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर लगातार समीक्षा बैठक कर रहा है.

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आपको जानकारी के लिए बता दें कि इससे पिछले हफ्ते को जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा था कि देश या राष्ट्र ध्वज का कोई विरोध नहीं कर सकता. केंद्र सरकार की मदद से हम केंद्र जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खात्मे की दिशा में कार्य कर रहे हैं. उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान बताया कि राष्ट्र की सेवा में अपनी जान देने वाले केंद्र शासित के जवानों के परिजनों के लिए अनुग्रह राशि पांच लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए करने की भी घोषणा की.

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