भारत के बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित कई जगहों पर छठ पूजा (Chhath Puja 2021) मनाई जाती है. दिवाली के ठीक छठवें दिन छठ पूजा का त्योहार मनाया जाता है और बिहार के लिए यह बहुत बड़ा पर्व है. हिंदू कैलेंडर (विक्रत संवत) के कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की षष्टी तिथि को छठ पूजा मनाई जाती है और इस साल यह 10 नवंबर 2021 को मनाया जाएगा. छठ पूजा का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह पर्व सिर्फ एक दिन का नहीं है.चलिए बताते हैं किस दिन कौन सी चीज पड़ने वाली है?

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छठ पूजा की तिथि क्या है?

8 नवंबर दिन सोमवार को नहाय खाय से छठ पूजा का प्रारंभ होता है.

9 नवंबर दिन मंगलवार को खरना किया जाएगा,

10 नवंबर दिन बुधवार को आप डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगे.

11 नवंबर दिन गुरुवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ पूजा का समापन होता है.

कैसे करते हैं नहाय खाय?

छठ पूजा की शुरुआत नहाय खाय से होती है. इस वर्ष नहाय खाय 8 नवंबर को नहाय खाय के दिन छठ पूजा या व्रत रखने वाले लोग घरों को साफ करके पूजा सामग्री को एक जगह पर रखें. इस दिन से आपको सात्विक आहार लेते हैं.

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खरना कैसे करते हैं?

9 नवंबर को छठ पूजा का दूसरा दिन है और खरना को लोहंडा भी कहते हैं. खरना छठ पूजा का महत्वपूर्णं माना जाता है. इस दिन रात को गुड़ की खीर और चूल्हे पर बनी रोटी बनाकर खाया जाता है. इसका प्रसाद पूरे घर के लोगों को खिलाएं.

शाम का सूर्य को कैसे दें अर्घ्य ?

10 नवंबर को छठी मइया और सूर्य देव की पूजा होती है. इस दिन व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर जल्द उगने और संसार पर कृपा बनाए रखने की प्रार्थना करते हैं.

छठ पूजा का समापन

11 नवंबर के दिन छठ पूजा का समापन होता है, यह शाम वाले के अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ पूजा का कठिन व्रत संपन्न माना जाता है

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