टाटा समूह (Tata group) ने गुरुवार को सरकार से आधिकारिक तौर पर एअर इंडिया (Air India) का अधिग्रहण कर लिया है. टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि एअर इंडिया को टाटा समूह में वापस पाकर हम खुश हैं. चंद्रा ने आधिकारिक हैंडओवर से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की.

 बता दें कि करीब 69 साल पहले टाटा से एअर इंडिया कंपनी को लेने के बाद उसे अब फिर टाटा ग्रुप को सौंपा जा रहा है.

पिछले साल अक्टूबर में सरकार ने एअर इंडिया को टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी की सहायक कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड (Talace Private Limited) को 18,000 करोड़ रुपये में बेच दिया था.

उसके बाद टाटा समूह को एक लेटर ऑफ़ इंटेंट (LOI) जारी किया गया था, जिसमें सरकार की एयरलाइन में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की इच्छा की पुष्टि की गई थी. तब केंद्र ने इस सौदे के लिए शेयर खरीद समझौते (SPA) पर हस्ताक्षर किए थे.

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सौदे के एक हिस्से के रूप में टाटा समूह को एअर इंडिया एक्सप्रेस और  एयर इंडिया SATS की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी भी सौंपी जाएगी.

टाटा ने स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम द्वारा 15,100 करोड़ रुपये की पेशकश और घाटे में चल रही एअर इंडिया में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री के लिए सरकार द्वारा निर्धारित 12,906 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य को पीछे छोड़ दिया था. 

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एअर इंडिया के अलावा टाटा समूह के पास दो और एयरलाइन ब्रांड हैं.  उसके पास एयरएशिया इंडिया और विस्तारा का बड़ा हिस्सा है. 

टाटा को एअर इंडिया की वसंत विहार हाउसिंग कॉलोनी, नरीमन पॉइंट, मुंबई में एअर इंडिया बिल्डिंग और नई दिल्ली में एअर इंडिया बिल्डिंग जैसी गैर-प्रमुख संपत्तियों का मालिकाना हक़ नहीं मिलेगा. 

टाटा को मिलने वाले एअरलाइन के 141 विमानों में से 42 पट्टे पर हैं जबकि शेष 99 पर उसका मालिकाना हक़ है. 

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