महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर मध्य प्रदेश स्थित उज्जैन में महाकाल मंदिर में भगवान शिव का अभिषेक किया गया. महाशिवरात्री पर्व को लेकर इस बार महाकाल मंदिर में कुछ नए नियम बनाए गए हैं. कोरोना महामारी की वजह से 25 हजार श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति दी गई है. दर्शन के लिए जो लोग प्री-बुकिंग कराएंगे उन्हें ही दर्शन करने दिया जाएगा. इसके अलावा 250 रुपये लेकर शीघ्र दर्शन की व्यवस्था की गई है. मंदिर प्रशासन ने कहा है जो लोग प्री-बुकिंग नहीं की है वह दर्शन के लिए न आएं उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

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महाशिवरात्रि के मौके पर महाकालेश्वर में दर्शन का समय

धार्मिक नगरी उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर विराजमान हैं, इसे हर कोई अलग-अलग नामों से भी जानता है. देशभर के बारह ज्योतिर्लिंगों में ‘महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग’ की इस नगरी का अपना एक अलग महत्व है, क्योकि यहां बाबा महाकाल को तांत्रिक क्रिया अनुसार, दक्षिण मुखी पूजा प्राप्त है और विश्व भर में महाकालेश्वर ही दक्षिण मुख में विराजमान है. महाशिवरात्रि के महापर्व पर 11 मार्च को सुबह 6 बजे से दर्शन का सिलसिला शुरू होगा, जो 12 मार्च को सुबह 10 बजे तक चलेगा. इसी दिन साल में एक दिन दोपहर में होने वाली भस्मारती तो होगी ही, लेकिन पहली बार इसमें दर्शनार्थियों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. महाशिवरात्रि पर एक लाख श्रद्धालुओं के उज्जैन आने का अनुमान है. वहीं दर्शनार्थियों को भगवान के 28 घंटे तक सतत दर्शन होंगे.

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महाशिवरात्रि पर कब हो सकेंगे ओंकारेश्वर के दर्शन

महाकालेश्वर से लगभग 140 किलोमीटर दूर मध्य प्रदेश के दूसरे ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर में महाशिवरात्रि पर सुबह 4:00 बजे मंदिर के द्वार खोले जाएंगे. इसके बाद श्रद्धालु सुबह 8:00 बजे तक ज्योतिर्लिंग श्री ओंकारेश्वर भगवान के समीप लगे पात्र में जल चढ़ा सकेंगे. पर्व काल पर बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए सुबह 4 घंटे ही जल चढ़ाने की अनुमति रहेगी. सुबह 8:00 के बाद शाम 6:00 बजे तक मंदिर परिसर में अलग-अलग जगह पात्र रखकर संस्थान के कर्मचारियों द्वारा उनमें श्रद्धालुओं द्वारा लाया गया जल, पुष्प, प्रसाद एकत्र किया जाएगा.