बंगाल के बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस के एक नेता की हत्या के विरोध में आठ लोगों को जिंदा जलाए जाने के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने आज स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया है. समाचार एजेंसी ANI ने बताया कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक मामला दर्ज किया और मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक पीठ इस पर सुनवाई करेगी. 

तृणमूल कांग्रेस के नेता भादू शेख की कथित हत्या के विरोध में भीड़ ने बीरभूम के रामपुरहाट गांव में कुछ घरों में आग लगा दी थी. मंगलवार सुबह वहां जले हुए शव बरामद हुए, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी थे. मृत लोगों में एक परिवार के सात लोग शामिल हैं. 

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बीजेपी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ हमला बोलते हुए दावा किया कि यह बंगाल में राजनीतिक हत्याओं की लंबी फेहरिस्त में नई घटना है. पार्टी ने ममता बनर्जी के इस्तीफे और केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने की मांग की है. पश्चिम बंगाल के नौ बीजेपी सांसदों ने मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उनसे हस्तक्षेप करने का आग्रह किया. 

ममता बनर्जी का बयान

विपक्ष के हमलों का जवाब देते हुए सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि वह हत्याओं को सही नहीं ठहरा रही हैं, लेकिन ऐसी घटनाएं यूपी, गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान में अधिक होती हैं. ममता ने कहा, “गुजरात और राजस्थान में भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं. मैं रामपुरहाट की घटना को सही नहीं ठहरा रहा हूं. हम निष्पक्ष तरीके से कार्रवाई करेंगे. यह बंगाल है, उत्तर प्रदेश नहीं. मैंने तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल हाथरस भेजा था लेकिन हमें प्रवेश नहीं दिया गया. लेकिन हम किसी को यहां आने से नहीं रोक रहे हैं.” 

बीजेपी सांसद दिलीप घोष ने ANI को बताया, “राज्य में अब तक 200 से ज्यादा बीजेपी कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं. सरकार क्या कर रही है? इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.”

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बुधवार को कहा कि हिंसा के सिलसिले में अब तक कम से कम 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उसी दिन ग्यारह लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

हुगली से BJP सांसद लॉकेट चटर्जी ने दावा किया है कि आगजनी में लगभग 20 लोग मारे गए हैं, “लेकिन वास्तविक संख्या किसी को नहीं पता क्योंकि बीरभूम में किसी को प्रवेश करने की अनुमति नहीं है.”

आज सुबह राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी को तीन पन्नों के पत्र में यह सुझाव देने के लिए फटकार लगाई कि हिंसा के पीछे एक राजनीतिक साजिश थी. उन्होंने यह भी कहा कि हताहतों की संख्या अधिक हो सकती है. 

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