14 जुलाई से सावन का पावन महीना शुरू हो
गया है. हिंदू धर्म में इस महीने को काफी मान्यता दी गई है. इस पूरे महीने भगवान
शिव की पूजा की जाती है. इस पूरे महीने में लोग भगवान शिव की आराधना में डूबे रहते
हैं और बरसात के मौसम के कारण चारों तरफ हरियाली नजर आती है. ऐसे में लोग अपनी
सेहत का ख्याल रखना भूल जाते हैं. आयुर्वेद (Ayurveda) के अनुसार सावन के महीने में लोगों को
अपना खास ख्याल रखने को कहा गया है.

वहीं इस
महीने लोगों के पास कई चीजें खाने पर पाबंदी होती है. कुछ चीजें न खाने के पीछे
धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों कारण होते हैं. क्या आप जानते हैं कि इस मौसम में
लोगों को कढ़ी खाने से भी मना किया जाता है. अगर आपको इसके पीछे का कारण नहीं पता
है तो हम बताते हैं.

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सावन में कच्चे दूध और दही का सेवन
ना करें

पहले हम कच्चे दूध और दही के बारे
में बात करते हैं. इस महीने लोग कच्चे दूध और दही का सेवन नहीं करने को कहा जाता
है. इसके दो पहलू हैं. धार्मिक दृष्टि से भगवान शिव को कच्चा दूध चढ़ाया जाता है, इसलिए
इसका सेवन वर्जित बताया गया है. वही वैज्ञानिक पहलू की बात करें तो सावन में घास
में कीड़े फंस जाते हैं और गाय भैंस इस घास को कीड़े के साथ खा जाते है. जिससे
इसका असर दूध पर भी देखने को मिलता है. इसलिए ऐसे मौसम में दही का सेवन भी वर्जित
है.

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सावन में ना खाए कढ़ी  

कढ़ी बनाने के लिए दही की जरूरत पड़ती
है. ऐसे में दही से बानी कढ़ी सेहत पर बुरा असर दाल सकती है. इससे हमरे पाचन तंत्र पर
बुरा प्रभाव पड़ता है. ऐसे में कोशिश करें के दूध-दही और दही से बानी किसी भी चीज
का सेवन न करें.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.