बॉलीवुड की किसी फिल्म की बात होती है तो पहला सवाल यही होता है कि उसमें हीरो और हीरोइन कौन है. अगर ये जवाब मिले कि फिल्म में कोई हीरोइन नहीं है तो हैरानी तो होती ही है. क्योंकि जेहन में तो यही है कि फिल्म को पूरा करने के लिए मेल लीड और फीमेल लीड दोनों होना जरूरी हैं. लेकिन बॉलीवुड में कई फिल्में ऐसी भी बनी हैं, जिनमें कोई हीरोइन ही नहीं है, बल्कि हीरो ने ही पूरी फिल्म को दर्शाया है. ऐसी कुछ फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया, तो कुछ फ्लॉप भी हुईं. चलिए जानते हैं इनके बारे में.

धमाल

इस फिल्म में 5 हीरो थे, लेकिन हीरोइन एक भी नहीं थी. शायद यही कारण था कि फिल्म फैंस को खूब पसंद आई और इसे लोग आज भी देखना काफी पसंद करते हैं. हंसी की फुहारों के बीच इस कमी का अहसास भी नहीं हुआ.

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फरारी की सवारी

फिल्म पापा और बेटे के बीच की इमोशनल केमिस्ट्री पर बेस्ड थी फिल्म. तीन पीढ़ी की इस कहानी में न मां की कमी खली न दादी की. हालांकि फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर वो कमाल नहीं दिखाया जिसकी दरकार थी.

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ओएमजी

जरा हट कर एक स्टोरी और उस पर परेश रावल का शानदार परफॉर्मेंस. वैसे तो पूरी मूवी वन मैन शो थी, लेकिन उसमें अक्षय कुमार की एंट्री ने भी नई जान फूंक दी. यह फिल्म कई लोगों को पसंद आई थी, इसमें लीड हीरोइन की जरूरत फैंस को नहीं खली.

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A Wednesday

इस फिल्म में भी हीरोइन नदारद थी. हिंदी मसाला फिल्मों में नजर आने वाले हीरो भी नहीं थे. नसीरूद्दीन शाह और अनुपम खेर के कंधों पर पूरी फिल्म का भार था. यह फिल्म फैंस को काफी पसंद आई थी और सर्खियों में रही थी.

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