हरियाली तीज सुहागिन महिलाओं के लिए खास पर्व होता है. यह त्योहार हर साल सावन (Sawan 2022) मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ता है. इस साल हरियाली तीज (Hariyali Teej 2022) का पर्व 31 जुलाई, 2022 को मनाया जा रहा है. इस दिन महिलाएं गाने सुनती हैं और झूला झूलती हैं, तो इसी मौके पर जानते हैं ‘झूला तो पड़ गए’ गाने के लिरिक्स. ‘झूला तो पड़ गए’ गाना काफी मशहूर है. ये एक ट्रेंडिंग गाना है, जिसे तीज पर सुना जाता है.

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झूला तो पड़ गए , अम्बुआ की डार पे जी

झूला तो पड़ गए , अम्बुआ की डार पे जी ,

एजी कोई राधा को , गोपाला बिन राधा को , झुलावे झूला कौन,

झूला तो पड़ गए , अम्बुआ की डार पे जी ,

ओ ओ ओ ओ

धीरज धर ले , मन समझाए ले री ,

एजी अगले सावन में,

राधाजी अगले सावन झूलेंगे कान्हाँ संग,

धीरज धर ले , मन समझाए ले री ,

या राधा का जीवन श्याम बिना,

रामायण जैसे राम बिना,

संग की सहेलियाँ

समझें ना बात को जी

संग की सहेलियाँ,

समझें ना बात को जी,

एजी कोई उन बिन, हम्बे उन बिन,

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कछु ना सुहाए,

झूला तो पड़ गए , अम्बुआ की डार पे जी,

इन बागन में , इन फूलन में,

हम झूले प्रीत की झूलन में,

अब ये फुलवा,

चुभ रहे शूल से जी,

एजी इन बागन में,

अकेले इन बागन में , पड़े ना अब पाँव,

झूला तो पड़ गए , अम्बुआ की डार पे जी,

मन भावन ये रुत , सावन की,

कछु साजन की , कछु बावन की,

बैरी पप्पियाँ , पिऊ पिऊ रट रहो जी,

बैरी पप्पियाँ , पिऊ पिऊ रट रहो जी,

एजी वोतो जाने ना , पप्पिया बैरी जाने ना,

बिरहणी का हाल,

झूला तो पड़ गए , अम्बुआ की डार पे जी,

सावन में पपीहे के जैसे,

बिरहा के दिन बीते ऐसे,

बंशी बजे ना , अब सखी चैन की जी,

बंशी बजे ना , अब सखी चैन की जी,

एजी मेरा मनवा , बहना मेरा मनवा

हुआ बेचैन ,

झूला तो पड़ गए , अम्बुआ की डार पे जी.