न्यूड फोटोशूट करवाकर रणवीर सिंह फंसते जा रहे हैं. मुंबई में उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. उनके खिलाफ ये मुंबई के चेम्बूर थाने में दर्ज किया है. ये FIR चेम्बूर के रहने वाले ललित टेकचंदानी ने दर्ज करवाई है.  रणवीर पर महिलाओं की भावनाएं आहत करने और गरिमा को नुकसान पहुंचाने का आरोप है. रणवीर पर इंडियन पीनल कोड (IPC) की धारा 292, 293, 509 और इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) एक्ट की धारा 67(A) के तहत केस दर्ज किया गया है.  इन केस के कारण उन्हें 7 साल तक की कैद हो सकती है.

चारों धाराओं के तहत कितनी हो सकती है सजा?

IPC की धारा 292

इसमें अश्लीलता को परिभाषित किया गया है. इसके तहत अगर किसी किताब, पेपर, पैम्फलेट, मैग्जीन, लेख, ड्रॉइंग या किसी भी ऐसी चीज को अश्लील माना जाएगा, जो कामुक है या कामुक बनाती है या फिर जिसे देखकर, सुनकर या पढ़कर लोगों भ्रष्ट हो सकते हैं. 

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पहली बार दोषी पाए जाने 2 साल कैद और 2 हजार रुपये के जुर्माने की सजा. दूसरी बार दोषी पाए जाने पर 5 साल कैद और 5 हजार रुपये तक के जुर्माने की सजा.

IPC की धारा 293

अगर कोई व्यक्ति 20 साल से कम उम्र के किसी व्यक्ति को ऐसी अश्लील सामग्री बेचता है या दिखाता है या प्रदर्शित करता है या बांटता है या इसकी कोशिश भी करता है, तो इस धारा के तहत केस दर्ज होता है.

पहली बार दोषी पाए जाने पर 3 साल कैद और 2 हजार रुपये की जुर्माने की सजा. दूसरी बार दोषी पाए जाने पर 7 साल तक की कैद और 5 हजार रुपये तक की जुर्माने की सजा हो सकती है.

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IPC की धारा 509

अगर कोई व्यक्ति किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के मकसद से कोई शब्द कहता है या आवाज निकालता है या शरीर को छूता है या किसी ऐसी वस्तु को दिखाता है जिससे स्त्री की गरिमा का अपमान हो, तो इस धारा के तहत केस दर्ज होता है.

इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की कैद हो सकती है. साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है. ये भी एक जमानती अपराध होता है.

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IT एक्ट की धारा 67(A)

अगर कोई व्यक्ति इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किसी ऐसी सामग्री का प्रकाशन करता है, जो कामुक हो, तो ये धारा लगाई जाती है. इस धारा में यौन कृत्य वाली सामग्री का प्रकाशन या प्रसारण करने के लिए सजा का प्रावधान है.

ये गैर-जमानती अपराध है. इसके तहत पहली बार दोषी पाए जाने पर 5 साल की कैद और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. जबकि, दूसरी बार दोषी पाए जाने पर 7 साल की कैद और 10 लाख रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है.