CBSE बोर्ड की मीटिंग में 12वीं की परीक्षा आयोजित करने को लेकर प्रस्ताव दिए गए हैं. परीक्षा को आयोजित करने के लिए ज्यादातर राज्य तैयार हैं. वहीं, CBSE बोर्ड भी परीक्षाओं को आयोजित करने को तैयार हैं. हालांकि, दिल्ली सरकार परीक्षा आयोजित कराने के पक्ष में नहीं है.

यह भी पढ़ेंः छत्तीसगढ़: निकल गई कलेक्टर रणबीर शर्मा की हेकड़ी, युवक को थप्पड़ मारना पड़ा भारी

दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने बोर्ड की मीटिंग में दिए गए प्रस्ताव के बारे में बताया है. उन्होंने कहा कि बोर्ड में दो प्रस्ताव दिए गए हैं. इसमें पहला प्रस्ताव ये है कि हम 12वीं के बच्चों की परीक्षा पहले के ही तरह लें, लेकिन केवल कुछ विषयों की परीक्षा लें. जैसे 200 विषयों में 20 विषयों को चुना जाना चाहिए जिसमें से बच्चे 4-5 विषयों पर परीक्षा दें. इन विषयों के आधार पर ही दूसरे विषयों को मूल्यांकन किया जाए. इसमें पहले की तरह की परीक्षा केंद्र बनाने जाने की बात कही गई.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली में 31 मई तक बढ़ा लॉकडाउन, कोरोना के 1600 नए केस: सीएम केजरीवाल

वहीं, दूसरे प्रस्ताव में कहा गया है कि, परीक्षा लेने के लिए उसका पैटर्न बदले जाएं. जैसे स्कूल में परीक्षा हो और ऑब्जैक्टीव परीक्षा ली जाए, 3 घंटे की परीक्षा की बजाए 1.5 घंटे की परीक्षा हो, स्कूल में ही कॉपी चेक हो. परीक्षा में सभी विषयों की नहीं बल्कि बच्चे तय करें उन्हें 4 किन विषयों पर परीक्षा देने हैं.

यह भी पढ़ेंः WTC फाइनल खेलते ही इस मामले में भी धोनी को पछाड़ देंगे विराट कोहली

वहीं, दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि इस बारे में मैंने भी अपनी तरफ से प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा, हमें बच्चों की सेहत और जान से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए. नियम के तहत परीक्षा लेना जरूरी है लेकिन आज देश में 2.5 लाख रोज कोरोना के मामले आ रहे हैं. वहीं, तीसरी लहर की बात हो रही और उसमें बच्चों के प्रभावित होने की बात कही जा रही है. ऐसे में दिल्ली सरकार किसी भी हाल में बच्चों की परीक्षा कराने के पक्ष में नहीं है.

यह भी पढ़ेंः सिर्फ 1000 रुपये के निवेश से आप भी बन सकते हैं अमीर, जानें कैसे

मनीष सिसोदिया ने कहा कि जैसे दिल्ली सरकार ने 10वीं की परीक्षा में पिछले कुछ परीक्षाओं के अनुसार उनका मूल्यांकन किया है. उसी तरह से 12वीं के लिए भी किया जाए. अगर किसी बच्चे इसे नहीं मानते हैं तो उनका समय आने पर परीक्षा ली जाए.

यह भी पढ़ेंः कलेक्टर रणवीर शर्मा: कभी घूस लेते पकड़े गए थे, अब युवक को सरेआम मारा थप्पड़

उन्होंने कहा कि अगर परीक्षा लेनी है तो सबसे पहले वैक्सीनेशन जरूरी है. देश में 12वीं के 1.5 करोड़ छात्र है और देश में वैक्सीन मौजूद है इसके साथ विदेशों में भी वैक्सीन मौजूद है जो बच्चों को दिए जा सकते हैं. ऐसे में उनका वैक्सीनेशन कराना बेहद जरूरी है. वरना हम बच्चों की सेहत और उनकी जान के साथ खिलवाड़ करेंगे.

यह भी पढ़ेंः अपने बच्चों को कराएं इन 5 चीजों का सेवन, दिमाग होगा तेज

यह भी पढ़ेंः White fungus symptoms in hindi: व्हाइट फंगस के क्या लक्षण हैं?

यह भी पढ़ेंः क्या है चक्रवात यास? जानें इसके बारे में