प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार (2 अगस्त) को डिजिटल भुगतान के लिए ‘ई-रुपी’ (e-RUPI) की शुरुआत करने जा रहे हैं. इस बात की जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई है. पीएमओ ने बताया है कि ‘ई-रुपी’ डिजिटल भुगतान के लिए कैशलेस और संपर्क रहित माध्यम है. इससे डिजिटल पहल को बढ़ावा दिया जाएगा.

पीएमओ ने कहा कि पिछले सालों के दौरान इच्छित लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं, ताकि सरकार और लाभार्थी के बीच सीमित संपर्क बिंदु रहें. पीएमओ ने कहा कि ‘इलेक्ट्रॉनिक वाउचर’ की अवधारणा सुशासन के इस दृष्टिकोण को आगे ले जाएगी.

यह भी पढ़ेंः Post Office के नियमों में 1 अगस्त से बदलाव, इस सर्विस के लिए देना होगा 20 रुपये

क्या है e-RUPI?

‘ई-रुपी’ (e-RUPI) एक कैशलेस माध्यम है जो एक क्यूआर कोड या SMS स्ट्रिंग आधारित ई-वाउचर है, जिसे लाभार्थियों के मोबाइल पर पहुंचाया जाता है. इसे डिजिटल भुगतान एप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बगैर ही वाउचर की राशि को प्राप्त कर सकता है. इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म पर वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से विकसित किया है.

यह भी पढ़ेंः 1 अगस्त से ATM से पैसा निकालना पड़ेगा भारी, डेबिट-क्रेडिट कार्ड के यूज में आएंगे बदलाव

ई-रुपी बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के डिजिटल तरीके से लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं के साथ सेवाओं के प्रायोजकों को जोड़ता है. इसके तहत यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सेवा देने वाले को भुगतान किया जाए. प्री-पेड होने की वजह से सेवा प्रदाता को किसी मध्यस्थ के हस्तक्षेप के बिना ही सही समय पर भुगतान संभव हो जाता है.

इसका उपयोग मातृ और बाल कल्याण योजनाओं के तहत दवाएं और पोषण संबंधी सहायता, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जैसी स्‍कीमों के तहत दवाएं और निदान, उर्वरक सब्सिडी, इत्यादि देने की योजनाओं के तहत सेवाएं उपलब्ध कराने में किया जा सकता है.

यह भी पढ़ें:- EMI पेमेंट्स, सैलरी और पेंशन से जुड़े नियमों में 1 अगस्त से होने जा रहे बदलाव, जानें कैसे