आज के समय लोग अपनी रिटायरमेंट (Retirement) के बाद के जीवन को लेकर चिंतित होते है. कि वह रिटायरमेंट के बाद खर्चे की जरुरत के लिए पैसों का इंतजाम किस तरह करेंगे. कई लोग अपनी सेवा के दौरान ही पैसे को सेव करने लिए अच्छी-अच्छी स्कीम का प्रयोग करते है जिसके द्वारा उनको रिटायरमेंट के बाद उनको उस स्कीम का फायदा होता है. रिटायरमेंट के बाद पैसों के लिए उचित प्लानिंग करना अधिक जरुरी होता है.सभी लोगों के मन में एक ही सवाल होता है कि आखिर कितना पैसा काफी होगा कि हम आराम से रिटायर होकर खुशहाल जीवन बिता सकें.

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आपको जानकारी के लिए बता देते है कि रियायरमेंट के बाद लोगों के पास अच्छे खासे फंड होते हैं.इसके लिए लोग इस फंड का सही निवेश सही तरीके से करते है. इससे आपको अच्छा रिटर्न (Return) मिल सकेगा. इस आर्टिकल में हम आपको बतांएगे ऐसी 2 पॉपुलर स्कीम के बारे में जो सरकार ने चला रखी है. पहली स्कीम पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) है और दूसरी नेशनल पेंशन स्कीम (NPS). PPF के बारे में बता दें कि इस स्कीम में कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है. लेकिन नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) पैंशन सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए ही बनाया गया है. आइये जानते है इनके बारे में विस्तार से.

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पब्लिक प्रोविडेंट फंड

देश में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) प्रचलित सबसे लोकप्रिय सेविंग स्कीम्स में से एक है. इस स्कीम को केंद्र सरकार द्वारा ऑफर किया जाता है. इस स्कीम में निवेश किये गए पैसे व रिटर्न सुरक्षित व गारंटीड होते हैं. स्कीम को अन्य बचत योजनाओं जैसे, वरिष्ठ नागरिक सुरक्षा योजना (SCSS), सुकन्या समृद्धि योजना व राष्ट्रीय बचत सर्टिफिकेट (NSC), आदि के साथ लॉन्च किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य छोटे निवेशकों को लाभ पहुँचाना है.

इस स्कीम में कोई भी व्यक्ति प्रत्येक वर्ष 1,50,000 रुपये तक का निवेश कर सकता है. इसमें आपको (धारा 80 सी के तहत) टैक्स में छूट मिलेगी. साथ ही, निवेश राशि के साथ PPF डिपॉज़िट पर अर्जित ब्याज पर भी कोई टैक्स नहीं लगेगा. PPF का मैच्‍योरिटी पीरियड 15 साल है. लेकिन, आप चाहें तो 7 साल बाद इसका Pre Mature withdrawal कर सकते हैं.

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इसमें आपको हरेक साल 7.1 प्रतिशत का रेट ऑफ इन्टरेस्ट सालाना कम्‍पाउंडिग (Interest Compounding) पर मिलता है. पीपीएफ अकाउंट में आप हरेक साल 1.5 लाख रुपये जमा करते हैं तो आपको 15 साल बाद ब्याज (Rate of Interest) लगाकर करीब 40.68 लाख रुपये मिलेंगे. इसमें आपको कोई ब्याज नहीं देना होगा.

नेशनल पेंशन सिस्टम 

लोगों के लिए बेहतर रिटायरमेंट प्लानिंग के लिहाज से नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) एक बढ़िया विकल्प है. नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) एक सरकारी निवेश की स्कीम है. इस स्कीम के माध्यम से रिटायरमेंट के बाद पेंशन दी जाती है. इस स्कीम की शुरुआत सरकारी कर्मचारियों के लिए जनवरी 2004 में शुरू हुई थी. इसे 2009 में सभी कैटगरी के लोगों के लिए खोल दिया गया. कोई भी व्यक्ति अपने वर्किंग लाइफ के दौरान पेंशन अकाउंट में नियमित रूप से योगदान दे सकता है. नेशनल पेंशन सिस्टम में 18 से 70 साल का कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है.

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इस जमा रकम की जिम्मेदारी PFRDA की ओर से रजिस्टर्ड पेंशन फंड मैनेजर्स को दिया गया है. आपको जानकारी के लिए बता देते है कि इस स्कीम में जमा हुए पैसे को एक हिस्से को वह एक बार में निकाल भी सकते है और बची हुई राशि का प्रयोग रिटायरमेंट के बाद नियमित पेंशन हासिल करने के लिए कर सकता है. आपको मैच्योरिटी पर कुल कॉपर्स का मिनिमम 40 फीसदी एन्‍युटी खरीदना पड़ता है. इंश्योरेंस कंपनी (Insurance Company) इसी एन्‍युटी के पैसों को आपको बाद में पैंशन मिलता है.

अगर कोई व्यक्ति 40 प्रतिशत से अधिक एन्‍युटी खरीदता है तो इस वजह से व्यक्ति को ज्यादा पेंशन मिलता है.अगर 1.5 लाख तक की सेविंग हो चुकी है तो यह एक्स्ट्रा टैक्स सेविंग्स स्कीम है. जानकारी के लिए बताते चले कि नेशनल पेंशन सिस्टम के अंतर्गत इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80CCD(1B) के तहत 50 हजार रुपये तक निवेश पर टैक्स छूट मिलती है.अगर 1.5 लाख तक की सेविंग हो चुकी है तो यह अधिक टैक्स सेविंग्स स्कीम है.

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