रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कोरोना वायरस महामारी के बीच कहा है कि, बैंक कठिन परिस्थिति का इंतजार नहीं करें और सक्रियता के साथ पूंजी जुटाएं.

बैंकों में कोरोना वायरस संकट के कारण फंसे कर्ज बढ़ने की आशंका है और इससे निपटने तथा बाजार में टिके रहने के लिये उन्हें पूंजी की जरूरत होगी.

दास ने उद्योग मंडल CII के कार्यक्रम में कहा, ‘‘वास्तव में, मैने बैंकों तथा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को कोविड-19 संकट के कारण वित्तीय कठिनाइयों की जांच करने और परिस्थिति आने का इंतजार किये बिना सक्रियता दिखाते हुए पूंजी जुटाने की सलाह दी है…’’

RBI की पिछले सप्ताह जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) के अनुसार सभी बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) तुलनात्मक परिदृश्य के आधार पर चालू वित्त वर्ष के अंत तक बढ़कर 12.5 प्रतिशत हो सकती है जो मार्च 2020 में 8.5 प्रतिशत थी.’’

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘अगर वृहत आर्थिक परिवेश और खराब होता है, NPA गंभीर दबाव वाले परिदृश्य में 14.7 प्रतिशत तक जा सकता है.’’

इससे पहले, इस महीने की शुरूआत में दास ने कहा था कि ‘बॅफर’ तैयार करना और पूंजी जुटाना न केवल ऋण प्रवाह सुनिश्चित करने के लिये जरूरी है बल्कि वित्तीय व्यवस्था की मजबूती के लिये भी यह आवश्यक है.’’