भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ओमाइक्रोन अनिश्चितताओं के बीच बैंक ग्राहकों को बड़ी राहत दी है. इसके तहत उन्हें केवाईसी (KYC) अपडेट कराने के लिए और अधिक समय देने का फैसला किया है. अब बैंक ग्राहक KYC को 31 मार्च 2022 तक अपडेट करा सकते हैं. आरबीआई ने बैंक और अन्य विनियमित संस्थाओं को वित्तीय अंत तक ग्राहकों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई नहीं करने की सलाह दी है.

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पीटीआई के मुताबिक, RBI ने गुरुवार को समय-समय पर केवाईसी अपडेट की समय सीमा को तीन महीने के लिए बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 तक कर दिया है. RBI ने कोविड -19 के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के कारण अनिश्चितता को देखते हुए समय सीमा में विस्तार किया है.

मई में, रिजर्व बैंक ने अपने मेंबर बैंकों को निर्देश दिया था कि केवाईसी के लिए अभी सख्ती दिखाने की जरूरत नहीं है, जिन लोगों का कोरोना अपडेशन पेंडिंग है, उनके खिलाफ 31 दिसंबर 2021 तक कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया गया था.

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बता दें कि एक निश्‍चित समय के बाद केवाईसी वैधता खत्म हो जाती है. जो ग्राहक कम जोखिम वाली श्रेणी में आते हैं, उन्‍हें हर 10 साल में केवाईसी अपडेट करवाने की जरूरत होती है. वहीं, ऊंचे जोखिम वाले ग्राहकों को हर दो साल में अपनी जानकारी को अपडेट करवाना होता है. इसके अलावा डोरमेंट या इनएक्टिव अकाउंट्स को अनफ्रीज या दोबारा चालू करने के लिए भी केवाईसी अपडेट कराने की जरूरत पड़ती है.

केवाईसी नियमों को समय-समय पर अपडेट करना केवल बैंकों के लिए ही नहीं, बल्कि वित्‍तीय कंपनियों, म्‍यूचुअल फंड्स, ब्रोकिंग हाउसेस और डिपोजिटरीज के लिए भी अनिवार्य है.

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केवाईसी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा संचालित एक पहचान प्रक्रिया है जिसकी मदद से बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाएं अपने ग्राहक के बारे में अच्छे से जान पाती हैं. KYC यानि “नो योर कस्‍टमर” यानि अपने ग्राहक को जानिये. बैंक तथा वित्तीय कम्पनियां इसके लिए फॉर्म को भरवा कर इसके साथ कुछ पहचान के प्रमाण भी लेती हैं.

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