केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नए फाइनेंसियल ईयर की शुरुआत से पहले लाखों कर्मचारियों को एक बड़ा तोहफा दिया है. केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में इजाफा (Hike in dearness allowance) किया है. इसे तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ पहले के 31 प्रतिशत के मुकाबले 34 प्रतिशत कर दिया गया है. बढ़े महंगाई भत्ते का लाभ सभी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 01 जनवरी 2022 से मिलेगा. 

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महंगाई भत्ते में यह बढ़ोतरी स्वीकृत फॉर्मूले के अनुसार है, जो सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस साल 1 जनवरी से प्रभावी केंद्र सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते (DA) और पेंशनभोगियों को महंगाई राहत (DR) की अतिरिक्त किस्त जारी करने को मंजूरी दे दी है. यह कीमतों में वृद्धि की भरपाई के लिए मूल वेतन/पेंशन के मौजूदा 31 प्रतिशत की दर से 3 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.

दरअसल, खुदरा मुद्रास्फीति, या उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति, इस वर्ष दो सीधे महीनों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के लक्ष्य 2-6 प्रतिशत के ऊपरी छोर से ऊपर बनी हुई है.

कैबिनेट अधिसूचना में कहा गया है कि “मूल वेतन” शब्द का अर्थ सातवें वेतन आयोग मैट्रिक्स के अनुसार प्राप्त वेतन है और इसमें विशेष वेतन जैसे किसी अन्य प्रकार का वेतन शामिल नहीं है. महंगाई भत्ते और महंगाई राहत दोनों के कारण राजकोष पर संयुक्त प्रभाव प्रति वर्ष 9,544.50 करोड़ रुपये होगा. 

इससे करीब 47.68 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 68.62 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा. यह असैन्य कर्मचारियों और रक्षा सेवाओं में कार्यरत लोगों के लिए लागू होगा. 

1 जुलाई, 2021 से प्रभावी महंगाई भत्ते को पिछले साल इसी तरह 3 प्रतिशत बढ़ाकर 31 प्रतिशत कर दिया गया था. 

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