केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज मोदी सरकार का 10वां और वित्त मंत्री रहते हुए अपना चौथा बजट (Union Budget 2022) पेश किया. बजट 2022 में इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है. किसानों, स्टार्टअप्स के लिए सरकार ने कई योजनाओं का ऐलान किया है.

आम लोगों को बजट में टैक्स को लेकर बड़ी राहत देने की उम्मीद थी. ऐसे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डायरेक्ट टैक्स के मामले में बड़े सुधार का एलान किया है. हालांकि, टैक्स स्लैब में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. आम आदमी को उम्मीद थी कि इस बार के बजट में सरकार करमुक्त आय की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करेगी.

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निर्मला सीतारमण ने कहा, भारत में अपडेटेड टैक्स फॉर्म जारी किया गया है. लोग अब दो साल तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं. इनकम टैक्स रिटर्न में अगर गलती से कुछ छूट जाता है तो उसमें सुधार किया जा सकता है.

को ऑपरेटिव सोसाइटी को अब 14 फीसदी का MAT चुकाना पड़ेगा. एक करोड़ से 10 करोड़ की आमदनी वाली सोसाइटी को सिर्फ 7 फीसदी सरचार्ज चुकाना पड़ेगा. दिव्यांग व्यक्ति के पैरेंट को 60 साल की उम्र तक एन्युटी मिल सकेगी.

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NPS टियर-1 में अब तक नियोक्ता की तरफ से किये गए योगदान के सिर्फ 10 फीसदी रकम तक इनकम टैक्स में छूट मिलती है, अब 14 फीसदी तक निवेश पर टैक्स छूट मिलेगी. यानी राज्य सरकार के कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा लाभों में मदद करने और उन्हें केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों की कर कटौती की सीमा 10% से बढ़ाकर 14% की जाएगी.

आमदनी की घोषणा नहीं करने पर सर्च में पाई गई रकम पर पूरा टैक्स चुकाना पड़ेगा. बिजनेस प्रमोशन के लिए एजेंट को हर साल 20,000 रुपये से अधिक के गिफ्ट पर टैक्स देना पड़ेगा.

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इस बार बजट में टैक्स स्लैब में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है यानी किसी तरह की राहत नहीं दी गई है. पिछले बजट में बदले गए टैक्स स्लैब के मुताबिक 2.5 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं है. 2.5 लाख से 3 लाख रुपये तक की इनकम पर 5 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. साथ ही इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 87A के तहत 12,500 रुपये की कर छूट मिलती है. 3 लाख से 5 लाख रुपये तक की आय पर भी 5 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. Section 87A के तहत 12,500 रुपये की कर छूट मिलती है. इस तरह इस टैक्स स्लैब में 5 लाख रुपये तक की आय तक 87A के तहत कर छूट मिलने से कोई टैक्स देनदारी नहीं बनती.

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