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2 years ago .New Delhi, Delhi, India

Jivitputrika Vrat 2022: जितिया व्रत में इन 3 बातों का रखें विशेष ध्यान

  • जितिया के लिए 18 सितंबर को निर्जला व्रत रखा जाएगा.
  • इससे पहले 17 सितंबर को नहाए खाए की विधि है.
  • 19 सितंबर को व्रत का पारण किया जाएगा.

Written by:Akashdeep
Published: September 18, 2022 01:43:44 New Delhi, Delhi, India

जितिया व्रत (Jitiya Vrat 2022) को जीवित्पुत्रिका (Jivitputrika) भी कहा जाता है. हिंदी पंचाग के अनुसार, आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जितिया व्रत रखा जाता है. इस व्रत का काफी महत्व है. इसे जिउतिया (Jiutiya), जितिया, जीवित्पुत्रिका, जीमूतवाहन व्रत भी कहते हैं. माताएं जीवित्पुत्रिका व्रत संतान प्राप्ति और उनके स्वस्थ जीवन और लंबी आयु के लिए रखती है. इस साल यह व्रत 17 सितंबर से शुरू होकर 19 सितंबर तक चलेगा. इस व्रत में कुछ नियमों का बहुत महत्व है.

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जितिया के लिए 18 सितंबर को निर्जला व्रत रखा जाएगा. इससे पहले 17 सितंबर को नहाए खाए की विधि है. हर साल जितिया व्रत की शुरुआत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष से होकर नवमी तिथि तक होती है. प्रथम दिन यानी अष्टमी तिथि को नहाय खाए होगा. उसके बाद 18 सितंबर को व्रत रखा जाएगा और 19 सितंबर को व्रत का पारण किया जाएगा.

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जितिया के व्रत में क्या ध्यान रखें 

इस व्रत को करने से पहले व्रतियों को नोनी का साग खाना चाहिए. नोनी के साग में कैल्शियम और आयरन भरपूर मात्रा में होता है. इसके खाने से व्रती के शरीर में पोषक तत्वों की कमी नहीं होती है. 

पूजा के दौरान जीमूतवाहन को सरसों का तेल और खल चढ़ाया जाता है. व्रत का पारण करने के बाद यह तेल बच्चों के सिर पर आशीर्वाद के तौर पर लगाया जाता है.

जितिया व्रत के पारण के बाद माताएं जितिया गले में पहनती है. जो कि लाल रंग का धागा होता है, कुछ महिलाएं जितिया का लॉकेट भी धारण करती हैं.

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जितिया के लिए अष्टमी तिथि का प्रारंभ 17 सितंबर को शाम 2:14 बजे से शुरू होगा. जबकि अष्टमी तिथि की समाप्ती 18 सितंबर शाम 4:32 बजे खत्म होगा. जितिया का व्रत 18 सितंबर को रखा जाएगा.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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