Jitiya Vrat 2022 Puja Vidhi in Hindi: हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जितिया व्रत होता है, जो इस बार 18 सितंबर 2022 को है. जितिया व्रत के दिन महिलाएं संतान का अच्छा स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं. जीवित्पुत्रिका व्रत को जितिया या जिउतिया या जीमूत वाहन का व्रत आदि नामों से जाना जाता है. जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika Vrat Date) को बहुत कठिन माना जाता है. क्योंकि इसे तीन दिन तक रखा जाता है. जितिया व्रत की शुरुआत 17 सितंबर शनिवार को नहाय खाय (Nahay Khay 2022) से हो गयी है और 19 सितंबर को इस व्रत का पारण किया जाएगा.

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जीवित्पुत्रिका व्रत 2022 मुहूर्त

पंचांग के मुताबिक, अष्टमी तिथि 17 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 14 मिनट पर शुरू हो गयी है और 18 सितंबर को दोपहर 4 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार व्रत 18 सितंबर को रखा जाएगा और इसका पारण 19 सितंबर को सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर होगा.

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कब होगा जितिया व्रत का पारण?

19 सितंबर की सुबह 6.08 बजे से लेकर 7.40 मिनट के बीच में आपको पारण करना होगा. इसमें जो माताएं व्रत रखती हैं वे दान की चीजों को छूने के बाद व्रत का पारण किसी मीठी चीज से कर सकती हैं. मगर उस दिन भी उन्हें लहसुन-प्याज का बाहरी चीजों को खाने से बचना चाहिए.

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जितिया व्रत पूजा विधि (Jitiya Vrat 2022 Puja Vidhi)

-जितिया व्रत के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. इस दिन प्रदोष काल में कुश से जीमूतवाहन की मूर्ति बनाकर एक जलपात्र में स्थापित करें.

-जीमूतवाहन भगवान को मिठाई, धूप, दीप, बांस के पत्ते, सरसों का तेल, फल, पेड़ा, दूर्वा की माला, अक्षत, इलायची, पूजा की सुपारी, लौंग और पान अर्पित करें.

-अब गोबर या फिर मिट्टी चील और मादा सियार की प्रतिमा बना लें. दोनों को लाल सिंदूर अर्पित करें.

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-अब आप पुत्र की कुशलता और प्रगति की कामना करें.

-इसके बाद जितिया व्रत की कथा पढ़ें या सुने और लास्ट में आरती करें. इस व्रत में तीसरे दिन व्रत का पारण कर झोर भात, मरुआ की रोटी और नोनी का साग खाया जाता है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.