आने वाली 14 जुलाई को सावन का महीना शुरू हो जाएगा और यह महीना भगवान शिव के चाहने वाले धूमधाम से मनाते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि श्रावण मास भगवान शंकर को अतिप्रिय होता है और इस महीने में व्रत रखते हुए, पूजा करते हैं और अगर आप शिवजी से कुछ भी दिल से मांगते हैं तो महादेव उसे पूरा करते हैं. श्रावण मास में बरसात खूब होती है, हरियाली ही हरियाली छाई रहती है और हर तरफ का वातारवरण बहुत ही खूबसूरत नजर आता है. मगर सवाल ये है कि श्रावण मास क्यों होता है शिव जी को प्रिय? तो चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं.

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श्रावण मास क्यों होता है शिव जी को प्रिय? 

सावन का महीना सभी महत्वपूर्ण धार्मिक पर्वों को करने के लिए अच्छा माना जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस महीने में लगभग सभी दिन शुभ आरंभ के लिए शुभ होते हैं, यानी अच्छी शुरुआत. श्रवण मास के शासक देवता भगवान शिव हैं. आइए जानते है आखिर शिव जी को क्यों प्रिय है सावना का महीना.

1. धार्मिक मान्‍यताओं में बताया गया है कि राजा दक्ष के यज्ञ में आत्मदाह करने के बाद माता सती का दूसरा जन्म माता पार्वती के रूप में हुआ था. माता पार्वती ने शिवजी को प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया था जिसके चलते सावन के माह में शिवजी ने माता से विवाह किया था. इसलिए उन्हें यह माह प्रिय है. इस संबंध में ब्रह्मा के पुत्र सनत कुमारों ने शिवजी से प्रश्न किया था कि आपको सावन का माह क्यों प्रिय है तो शिवजी ने उपरोक्त बात बताई थी.

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2.धार्मिक मान्‍यताओं में यह भी बताया गया है कि कई जगहों पर बारिश के दौरान शिवलिंग पानी में डूबा रहता है. शिवलिंग के ऊपर एक कलश लटकता है, जिससे बूंद-बूंद पानी टपकता है, उसे जलधारी कहते हैं.जहां प्रकृति का शिवलिंग है, वहां जलधारा भी है.

3.शिव के मस्तक पर चंद्रमा और गंगा मैया विराजमान हैं, जिनका संबंध केवल जल से है.कैलाश पर्वत के चारों ओर बर्फ जमी हुई है और उसमें मान सरोवर है. जल शिव को बहुत प्रिय है, जबकि विष्णु जल में ही निवास करते हैं.

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4.यह भी कहा जाता है कि भगवान शिव सावन के महीने में धरती पर अवतरित होकर अपनी ससुराल गए थे और वहां उनका स्वागत अर्ध्य देकर, जलाभिषेक कर किया गया था.  माना जाता है, कि प्रत्येक वर्ष सावन माह में भगवान शिव अपनी ससुराल आते हैं.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.