Pitru Paksha 2022 Afternoon Shradha: श्राद्ध (Shradh) पक्ष एक ऐसा महीना होता है जो पूरी तरह से पूर्वजों को समर्पित होता है. महाभारत और पद्मपुराण सहित अन्य हिन्दू (Hindu) ग्रंथों में कहा गया है कि जो व्यक्ति पितृ पक्ष (Pitru Paksha) में अपने पूर्वजों की क्षमता के अनुसार श्राद्ध करता है. उसकी मनोकामनाएं पूरी होती है. परिवार में शांति रहती है. व्यापार और आजीविका में प्रगति होती है. साथ ही जीवन में सभी प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती है.

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इस बार पितृ पक्ष अष्टमी (Pitru Paksha Ashtami) का श्राद्ध 18 सितंबर 2022 को किया जाएगा. श्राद्ध के दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए दोपहर में तर्पण, पिंडदान कर्म और ब्राह्मण को भोजन करवाया जाता है. इस लेख में हम आपको बताएंगे पितृ पक्ष अष्टमी श्राद्ध 2022 का मूहूर्त और श्राद्ध के लिए दोपहर का समय क्यों उत्तम माना जाता है. आइए जानते हैं.

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पितृ पक्ष अष्टमी श्राद्ध 2022

अश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि प्रारम्भ- 17 सितंबर 2022, दोपहर 2 बजकर 14 मिनट

अश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि समाप्त- 18 सितंबर 2022, दोपहर 4 बजकर 32

कुतुप मूहूर्त – सुबह 11:56 – दोपहर 12:45

रौहिण मूहूर्त – दोपहर 12:45 – दोपहर 01:34

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श्राद्ध दोपहर में क्यों किया जाता है?

-एबीपी न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक, दोपहर का समय पूर्वजों के श्राद्ध के लिए अच्छा माना गया है. कहा जाता है कि सुबह और शाम का समय देवताओं को समर्पित होता है. इस अवधि में भगवान की पूजा-अर्चना की जाती है.

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-श्राद्ध सूर्यास्त के बाद नहीं करना चाहिए. वरना नकारात्मक शक्तियों का असर तेज होता है.

-यही वजह है कि दोपहर के वक्त पितरों का तर्पण कर्म किए जाते हैं. दोपहर के समय कुतुप, रौहिण मुहूर्त श्राद्ध के लिए उत्तम माने गए है. इस अवधि में ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए.

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-हिन्दू मान्यता के मुताबिक, श्राद्ध करने के पीछे सूर्य देव का भी संबंध है. कहा जाता है कि जो भोजन पितरों के लिए बनाया जाता है. उसमे गाय के कंड़े जलाकर अग्नि को अर्पित किया जाता है. सूर्य भी अग्नि का स्त्रोत है. मान्यता है कि पितर सूरज की किरणों के माध्यम से श्राद्ध का भोजन ग्रहण करते हैं. दोपहर के समय सूर्य का बल तेज होता है. इसी वजह से पितरों को भोजन ग्रहण करने में सरलता होती है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.