Sawan Rudrabhishek Don’ts In Hindi: सावन का महीना पूरी तरह से भगवान शिव (Sawan Rudrabhishek Don’ts) को समर्पित माना गया है. इस बार सावन महीने की शुरुआत 4 जुलाई से हो गई है. इस बार सावन का महीना काफी खास माना जा रहा है क्योंकि इस बार सावन 2 महीने का हो रहा है. आपको बता दें कि ऐसा अधिक मास के चलते माना जा रहा है. ऐसे में इस बार सावन में 4 नहीं, बल्कि 8 सोमवार पड़ रहे हैं. भगवान शिव के पूजन में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व माना गया है. मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है. धार्मिक मान्यता है कि भोले भंडारी मात्र एक लोटा शुद्ध जल से अभिषेक करने पर ही प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन अभिषेक करते समय कुछ गलतियां करना आपको भारी पड़ सकता है. तो चलिए जानते हैं.

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रुद्राभिषेक करने के दौरान कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए?

1- शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग का रुद्राभिषेक या जलाभिषेक करते समय आपको पूर्व दिशा की ओर नहीं खड़ा होना चाहिए. ऐसा करना अनुचित माना जाता है.

2- इसके अलावा पश्चिम दिशा की ओर भी खड़े होकर शिव जी को जल अर्पित नहीं करना चाहिए, क्योंकि पश्चिम दिशा में भगवान की पीठ होती है. इसलिए इस दिशा में खड़े होकर जलाभिषेक करने से आपको पूजा पाठ का फल प्राप्त नहीं होता है.

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3- ज्योतिष के अनुसार, शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए कभी भी तांबे, स्टील आदि के लोटे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, बल्कि इसकी जगह आपको शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए तांबे, चांदी और कांसे के लोटे का इस्तेमाल करना चाहिए. इन धातुओं के लोटे का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है.

4- इनके अलावा आपको कभी भी शिवलिंग पर जल अर्पित करने के बाद परिक्रमा नहीं करनी चाहिए. क्योंकि शिवलिंग पर जो जल अर्पित किया जाता है वह पवित्र हो जाता है. ऐसे में उस जल को लांघना अशुभ होता है. इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

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5- शिवलिंग पर जलाभिषेक के दौरान कभी भी तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को तुलसी चढ़ाना वर्जित है.

6- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शिवलिंग में जल चढ़ाते समय आपको दक्षिण दिशा की ओर खड़े होना चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से व्यक्ति का मुख उत्तर दिशा की ओर होगा और उत्तर दिशा देवी-देवता की दिशा होती है.