Sant Ravidas Jayanti 2023: माघ मास की पूर्णिमा के दिन गुरु रविदास जयंती (Ravidas Jayanti 2023) मनाई जाती है. यह गुरु रविदास में मनाया जाता है. संत रविदास की जन्मतिथि को लेकर इतिहासकारों में मतभेद है. कुछ इतिहासकार का मानना है की संत रविदास का जन्म सन् 1398 में हुई थी तो कुछ सन् 1482 ई. बताते हैं. वह एक कवि-संत, एक सुधारक और एक आध्यात्मिक व्यक्ति बने जिन्होंने रविदासिया धर्म की स्थापना की. लोग इस दिन पवित्र स्नान करते हैं और श्रद्धेय गुरु का आशीर्वाद लेने के लिए विशेष आरती करते हैं. इस साल रविदास जयंती 5 फरवरी को मनाया जाएगा.

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क्यों मनाई जाती है संत रविदास जयंती (Sant Ravidas Jayanti 2023)

रविदास जयंती मनाने का मुख्य उद्देश्य संत रविदास जी द्वारा दिए गए ज्ञान को याद करना है. संत रविदास जी को याद करने के लिए रविदास जयंती मनाई जाती है. रविदास जी एक महान कवि और आध्यात्मिक गुरु थे जिन्होंने अपने लेखन और आंदोलन के दम पर समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर किया. रविदास जी ने कहा है कि मनुष्य की आत्मा ईश्वर का रूप होती है. रविदास जी ने लोगों को भेदभाव नहीं करने और भाईचारे से रहने की सीख दी है. इसलिए उनके इस नेक काम को याद करने और सम्मान देने के लिए हर साल रविदास जयंती मनाई जाती है.

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कृष्ण भक्त मीरा को दिखाया था भक्ति का मार्ग

संत रविदास जी ने कृष्ण प्रेमी मीरा बाई को भक्ति की प्रेरणा दी थी. मीरा बाई संत रविदास जी की शिष्या थीं. संत रविदास जी ने अपना जीवन भगवान की भक्ति में व्यतीत किया था. वे बचपन से ही भगवान की भक्ति में लीन रहते थे. संत रविदास के गुरु रामानंद ने भी उनकी प्रतिभा को देखकर ही उन्हें शिष्य बना लिया था. मीरा बाई ने अपने एक गुरु रविदास जी का भी जिक्र किया है. संत रविदास का उल्लेख मीरा बाई के पद “गुरु मिलिया संत गुरु रविदास जी, दिन्ही ज्ञान की गुटकी” में मिलता है.

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