Paan Ke Patte Mahatva: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के दौरान उपयोग की जाने वाली सामग्रियों का भी विशेष महत्व होता है. इन्हीं सामग्रियों में से एक है पान का पत्ता. पान के पत्तों का इस्तेमाल पूजा-पाठ में किसी एक तरीके से नहीं बल्कि अलग-अलग कई तरीकों से किया जाता है. पान के पत्तों को ताजगी और समृद्धि का प्रतीक माना गया है. पान के पत्तों का उपयोग पूजा-पाठ में भी किया जाता है, ऐसा माना जाता है कि पान के पत्तों में देवताओं का वास होता है. जानिए पान के पत्तों का इस्तेमाल करने से पहले किन जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए.

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एक ही पत्ते में होता है सभी देवी-देवताओं का वास (Paan Ke Patte Mahatva)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पान के पत्ते के ऊपरी भाग में इंद्र और शुक्र का वास होता है, बीच में मां सरस्वती का वास होता है, निचले भाग में महालक्ष्मी का वास होता है, पान के पत्ते के अंदर भगवान विष्णु वास करते हैं. पत्ते के बाहर भगवान शिव के साथ-साथ कामदेव भी वास करते हैं. इसके अलावा पान के पत्ते के बायीं ओर मां पार्वती का स्थान और दाहिनी ओर भूमिदेवी वास करती हैं. मान्यता है कि पूरे पत्ते पर सूर्यनारायण का वास होता है.

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इस बात का रखें ख्याल

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पान के पत्ते में दुनिया के सभी देवी-देवताओं का वास होता है. इसलिए इसका प्रयोग हर पूजा में किया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि पान के पत्ते पर कपूर रखकर भगवान की आरती करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है और घर में समृद्धि आती है. हालांकि , पूजा के लिए पान का पत्ता खरीदने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि उसमें छेद या कटाव न हो और पत्ता सूखा न हो, अन्यथा व्यक्ति की पूजा पूरी नहीं होगी.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)