हिंदू धर्म में एकादशी (Mohini Ekadashi 2023) का विशेष महत्व माना जाता है और साल भर में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं. हिंदी कैलेंडर के अनुसार, प्रति माह दो एकादशी तिथि पड़ती हैं, जिनमें से एक शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में आती है. आपको बता दें कि वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है और इस दिन विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है. मान्यता है कि मोहिनी एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद बैकुंठ में जगह मिलती है. तो चलिए जानते हैं कि कब है मोहिनी एकादशी व्रत और पूजा का शुभ मुहूर्त.

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कब है मोहिनी एकादशी 2023?

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 30 अप्रैल 2023 को रात 8 बजकर 28 मिनट पर प्रारंभ हो रही है और इसका समापन 1 मई को रात 10 बजकर 9 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार,  मोहिनी एकादशी का व्रत 1 माई 2023, सोमवार के दिन रखा जाएगा.

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मोहिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त ( Mohini Ekadashi 2023 Shubh Muhurat)

मोहिनी एकादशी के दिन बनने वाले शुभ मुहूर्त की बात करें, तो वह सुबह 9 बजे से लेकर सुबह 10 बजकर 39 मिनट तक रहने वाला है. कहते हैं कि शुभ मुहूर्त में की गई पूजा अधिक फलदायी होती है. गौरतलब है कि मोहिनी एकादशी व्रत का पारण 1 मई को सुबह 5 बजकर 40 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 19 मिनट तक किया जाएगा.

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मोहिनी एकादशी का महत्व (Mohini Ekadashi Ka Mahatva)

एकादशी की तिथि भगवान विष्णु को समर्पित मानी गई है. ऐसे में इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करने के साथ साथ व्रत धारण किया जाता है. आपको बता दें कि मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की पूजा होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब समुद्र मंथन के दौरान अमृत निकला था. तब असुरों से उसकी रक्षा करने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी स्वरूप धारण किया था. मोहिनी स्वरूप के मायाजाल में असुरों को फंसाकर देवताओं को अमृतपान कराया था. इसलिए उनका मोहिनी स्वरूप पूजनीय माना गया है. मान्यतानुसार, जो भी साधक इस दिन विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना व व्रत धारण करता है, उस व्यक्ति के सारे कष्ट दूर होते हैं और उसे व्यक्ति मृत्यू के पश्चात् बैकुण्ड में स्थान मिलता है.