Malmas 2023 Niyam: मलमास या अधिकमास हर 3 साल में होता है. इस महीने में भले ही शुभ काम वर्जित होते हैं लेकिन पूजा-पाठ का खास महत्व होता है. इस साल मलमास की शुरुआत 18 जुलाई दिन मंगलवार सो होगी. सनातन धर्म में मलमास या अधिकमास का अधिक महत्व बताया गया है. मलमास को ही अधिकमास और पुरुषोत्तम मास कहते हैं. ऐसी मान्यताओं के अनुसार इस महीने कोई भी शुभ कार्य करना पूरी तरह से वर्जित हो जाता है. इसके साथ ही इस दौरान कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताया गया जिन नियमों को फॉलो करना चाहिए.

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कब शुरू और कब खत्म होगा मलमास? (Malmas 2023 Niyam)

ऐसी मान्यता है कि इस महीने भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. भगवान विष्णु की पूजा करने के कारण ही इसे पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं. इस महीने अगर आपने भगवान विष्णु की पूजा की उस पूजा का फल 10 गुना अधिक आपको मिलेगा. मलमास या अधिकमास हर 3 सालों पर लगता है और इस साल ये 18 जुलाई से शुरु होगा जिसकी समाप्ति 16 अगस्त को होगी. उसके बाद फिर 15 सावन रहेगा जो 31 अगस्त को खत्म हो जाएगा. चलिए आपको बताते हैं कि मलमास के नियम क्या-क्या हैं?

1.अधिक मास में नए गहनों और कपड़ों की खरीदारी करना पूरी तरह से वर्जित है क्योंकि इन दिनों नये काम करना शुभ नहीं माना जाता है.

2.अधिक मास के दौरान मांस-मदिरा का सेवन करना पूरी तरह से वर्जित होता है. आपको इनका सेवन करने से बचना चाहिए. इस पूरे महीने आपको बहुत ही सचेत होकर चलना चाहिए.

3.मलमास के महीने में ब्रह्मचर्य जीवन अपनाना चाहिए. अगर हो सके तो पूरे महीने जमीन पर सोकर बिताएं. भगवान का नाम जपते रहें और गलत काम से बचें.

4.मलमास के महीने में दान-पुण्य का विशेष महत्व बताया गया है. मलमास के दौरान शरीर और मन को शुद्ध करने के लिए व्रत भी रख सकते हैं.

5.मलमास के महीने में गेहूं, चावल, सफेद धान, मूंग, जौ, तिल, मटर, बथुआ, ककड़ी, केला, घी, कटहल, आम, पीपल, जीरा, सोंठ, इमली, सुपारी, आंवला, सेंधा नमक का सेवन करना चाहिए.

6.मलमास के दौरान शहद, चौलाई, उड़द की दाल, राई, प्याज, लहसुन, गोभी, गाजर, मूली जैसी चीजों का सेवन ना करें. ऐसी मान्यता है कि इनके सेवन से व्यक्ति के पुण्य नष्ट होते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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