कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल भादो माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि 12 बजे मथुरा में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था. इस साल रक्षाबंधन पर जिस तरह दो तिथियों को लेकर असमंजस रहा, उसी तरह कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर भी है. आइये जानते हैं कि मथुरा में कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2022 Date) कब मनाई जाएगी.

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मथुरा में कब मनेगी जन्माष्टमी?

श्री कृष्ण जन्मभूमि यानि मथुरा में इस दिन बहुत धूम देखी जाती है. वहीं इस साल जन्माष्टमी का पर्व द्वारिकाधीश और बांके बिहारी मंदिर में 19 अगस्त को मनाया जाने वाला है.

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पंचामृत का भोग लगाना होता है शुभ

इस पर्व के अवसर पर लोग बहुत सारी तैयारियां करते हैं और रात में पूजा पाठ किया जाता है. ऐसे में आपको बता दें कि कृष्ण भगवान को भोग लगाते समय, उसमें पंजीरी के साथ पंचामृत का भोग अवश्य लगाएं क्योंकि यह भगवान का अतिप्रिय माना जाता है. मान्यता है कि बिना पंचामृत के श्रीकृष्ण की पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है. इस लिए इन्हें पंचामृत का भोग जरूर लगाना चाहिए. पंचामृत दूध, दही, घी, शहद, चीनी से बनकर तैयार किया जाता है. वहीं इसकी शुद्धता का विशेष ख्याल रखना चाहिए.

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क्या है दही हांडी उत्सव?

इन दिनों हांडी को खुले मैदान में या गली में कई मंजिल ऊंचा रखा जाता है. महिलाएं भी भगवान कृष्ण की कहानी से चरवाहों की भूमिका निभाती हैं और गोविंदा को पानी या रंग फेंककर मानव पिरामिड बनाने से रोकती हैं. दही हांडी मुंबई में एक बहुत ही प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में उभरा है. इस आयोजन में हर साल कई टीमें भाग लेती हैं और विजेताओं को कई पुरस्कार मिलते हैं और पंडाल प्रसिद्ध हस्तियों को भी इस आयोजन को बढ़ावा देने के लिए आमंत्रित करता है. हाल के वर्षों में पुरस्कार राशि एक करोड़ तक पहुंच गई है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)