Karwa Chauth 2022: कार्तिक मास के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ (Karwa Chauth) का पर्व मनाया जाता है. हिंदू धर्म में करवा चौथ (Karwa Chauth 2022 Vrat) का विशेष महत्व है. हिन्दू मान्यता के अनुसार, सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ के दिन निर्जला व्रत (Karwa chauth Vrat) करती हैं. इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर 2022 (Karwa chauth 2022 ) को रखा जाएगा. इस दिन विवाहित स्त्रियां सोलह श्रृंगार कर और निर्जला व्रत रखकर भगवान गणेश, भगवान शिव, माता पार्वती और करवा माता की पूजा करती हैं और चांद देखने के बाद ही व्रत खोलती हैं.इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे कार्यों के बारे में बताएंगे जिनको आज दिन करने से की मनाही होती है.

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करवा चौथ पर भूलकर भी न करें ये काम

1.क्रोध नहीं करें.

2.अहंकार से बचकर रहें.

3.दूसरों की निंदा नहीं करें.

4.एक दूसरे का अनादर नहीं करें.

5.आज के दिन कठोर वचन नहीं बोलें.

6.हिंसा से दूर रहें.

7.वाद विवाद की स्थिति नहीं बनने दें.

8.आपस में तुलना नहीं करें.

9.सेहत के प्रति लापरवाही नहीं बरतें.

10.हर तरह की नकारात्मकता से दूर रहें.

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करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय जानें

करवा चौथ 2022 (Karwa Chauth 2022) पर चांद निकलने का समय 13 अक्टूबर 2022 को रात 8 बजकर 9 मिनट बताया जा रहा है. हालांकि देश के अलग-अलग राज्यों और शहरों में चांद दिखने के समय में फर्क हो सकता है. 

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करवा चौथ व्रत का महत्व

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ज्योतिष में करवा चौथ का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि जो सुहागिन महिलाएं करवा चौथ के दिन निर्जला व्रत करती हैं और पूरी श्रद्धा भाव से चंद्रमा को जल देती हैं.  उनके पति को लंबी उम्र का आशीष प्राप्त होता है. इसके साथ ही पत्नी और पति का रिश्ता भी मजबूत होता है. करवा चौथ के दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके पूजा-अर्चना करती हैं. तो उन्हें अमर सुहाग का वरदान प्राप्त होता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)