Hariyali Teej 2023 Puja Samagri: हरियाली तीज शनिवार, 19 अगस्त 2023 को मनाई जाएगी. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है. हरियाली तीज का त्योहार हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. कुंवारी लड़कियां भी मनचाहा और योग्य वर पाने के लिए हरियाली तीज का व्रत रखती हैं. आइए जानते हैं हरियाली तीज व्रत में कौन सी पूजन सामग्री (Hariyali Teej 2023 Puja Samagri) का उपयोग करना चाहिए.

यह भी पढ़ें: Hariyali Teej 2023 Don’ts: हरियाली तीज पर क्या नहीं करना चाहिए? जान लें वरना नहीं मिलेगा व्रत का संपूर्ण फल

हरियाली तीज व्रत पूजा सामग्री सूची (Hariyali Teej 2023 Puja Samagri)

पीला कपड़ा, कच्चा सूत, नए कपड़े, केले के पत्ते, आक का फूल, बेलपत्र, धतूरा, शमी के पत्ते, जनेऊ, पूजा चौकी, तांबे और पीतल का कलश, जटा वाला नारियल, सुपारी, कलश, अक्षत, दूर्वा घास, घी, कपूर, अबीर- गुलाल, धूप, श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, पंचामृत दही, मिश्री, शहद, पांच प्रकार के फल, मिठाइयाँ, दक्षिणा, व्रत की पुस्तक आदि. हरी साड़ी, चुनरी, सिन्दूर, बिंदी, चूड़ियाँ, माहोर, कुमकुम, माता पार्वती के लिए काजल, कंघी, बिछिया, मेहंदी, दर्पण, इत्र और सोलह श्रृंगार से संबंधित सभी सामान.

यह भी पढ़ें: Hariyali Teej 2023: हरियाली तीज पर अपनी राशि के अनुसार करें ये चीजें अर्पित, शिव-पार्वती जैसी हो जाएगी जोड़ी

हरियाली तीज व्रत 2023 पूजा शुभ मुहूर्त-

  • पहला मुहूर्त- सुबह 7.47 बजे से सुबह 9.22 बजे तक (19 अगस्त 2023)
  • दूसरा मुहूर्त- दोपहर 12:32 से दोपहर 2:07 तक (19 अगस्त 2023)
  • तीसरा मुहूर्त- शाम 6.52 बजे से शाम 7.15 बजे तक (19 अगस्त 2023)

यह भी पढ़ें: यह भी पढ़ें: Hariyali Teej 2023 Daan Tips: हरियाली तीज के दिन किन चीजों का दान करना चाहिए? जान लें उसी दिन से होने लगेगा आपका कल्याण

हरियाली तीज का महत्व

प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था. इस कड़ी तपस्या के बाद 108वें जन्म के बाद माता पार्वती को भगवान शिव पति के रूप में प्राप्त हुए थे. ऐसा माना जाता है कि सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन ही भगवान शिव ने माता पार्वती को अपने पत्नि के रूप में स्वीकार किया था, तभी से इस दिन को हरियाली तीज के तौर पर मनाया जाने लगा और मान्यतानुसार, इस दिन व्रत रखने से कुंवारी कन्याओं को भगवान शिव की तरह वर की प्राप्ति और सुहागिन महिलाओं को सुखद दांपत्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)