Govardhan Puja Date and Time: कार्तिक माह त्योहारों से भरा होता है. हर दिन कोई ना कोई त्योहार जरूर मनाया जाता है. दिवाली के बाद से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक ये सिलसिला चलता रहता है. 12 नवंबर को दिवाली का त्योहार देशभर में मनाया जाएगा लेकिन लोगों को जानना है कि दिवाली के बाद सभी त्योहार किस किस दिन हैं खासकर गोवर्धन पूजा इस साल किस तारीख को पड़ रही है. गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा की जाती है. इस दिन को लेकर कई मान्यताएं बताई गई हैं जिनके बारे में लोगों को जानना चाहिए और इसका महत्व समझना चाहिए.

यह भी पढ़ें: Narak Chaturdashi 2023: नरक चतुर्दशी को छोटी भी दिवाली क्यों कहते हैं? यहां जानें कारण

कब है गोवर्धन पूजा? (Govardhan Puja Date and Time)

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की शुरुआत गोवर्धन पूजा से ही होती है. दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाती है और इसी दिन अन्नकूट की पूजा भी की जाती है. इसमें घर-घर कई सारे पकवान बनाए जाते हैं और भगवान को भोग लगाते हैं. इस दिन गोवर्धन पर्वत के अलावा श्रीकृष्ण और गौ माता की पूजा करने का प्रावधान है. इस साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 13 नवंबर दिन सोमवार को दोपहर 2.56 बजे से शुरू होगी और 14 नवंबर की दोपहर 2.56 बजे समाप्त होगी. उदया तिथि के कारण 14 नवंबर दिन मंगलवार को गोवर्धन पूजा मनाई जाएगी. इसका शुभ मुहूर्त सुबह 6.43 बजे से सुबह 8.52 बजे तक होगा और इसमें गाय के गोबर से आकृति बनाकर पूजा की जाती है. मध्य में भगवान कृष्ण की मूर्ति रख दें. इसके बाद भगवन कृष्ण, ग्वाल-बाल,और गोवर्धन पर्वत का पूजन करें. पकवान और पंचामृत का भोग लगाएं. गोवर्धन पूजा की कथा सुनें. प्रसाद वितरण करें और सबके साथ भोजन करें.

क्यों की जाती है गोवर्धन पूजा?

गोवर्धन पूजा को लेकर भगवान श्रीकृष्ण की ये कहानी प्रचलित है. भगवान श्रीकृष्ण ने द्वापरयुग में लोगों से इंद्र की पूजा के बजाय गोवर्धन पर्वत की पूजा करने को कहा था हालांकि इससे पहले लोग बारिश के देवता इंद्र की पूजा करते थे. भगवान कृष्ण ने लोगों को बताया कि गोवर्धन पर्वत से गोकुल वासियों को पशुओं के लिए चारा मिलता है. गोवर्धन पर्वत बादलों को रोककर वर्षा करवाता है जिससे कृषि उन्नत होती है. भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र का अभिमान चूर करने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर संपूर्ण गोकुल वासियों की इंद्र के कोप से बचा लिया था.

यह भी पढ़ें: Kuber Puja Vidhi: धन के देवता कुबेर को कैसे प्रसन्न करें? यहां जानें पूरी विधि