हिन्दू धर्म में गणेश महोत्सव का विशेष महत्व माना गया है. मान्यतानुसार, गणेश महोत्सव की शुरुआत गणेश चतुर्थी से हो जाती है. आपको बता दें कि गणेश जी का जन्म भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ था. इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर से शुरू हुई थी. गणेश चतुर्थी से 10 दिनों तक गणेश उत्सव चलता है. 10वें दिन गणेश विसर्जन होता है. गणेश महोत्सव के दौरान लोग विधि विधान से भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करते हैं और 10 वें दिन विधि विधान के साथ गणेश विसर्जन (Ganesh Visarjan Muhurat 2023) करते हुए, बप्पा से फिर अगली बार आने की प्रार्थना करते हैं.

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गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त (Ganesh Visarjan Shubh Muhurt)

जानकारों के मुताबिक, भाद्रपद मा​ह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 27 सितंबर दिन को रात 10 बजकर 18 मिनट से प्रारंभ हो जाएगी और इसका समापन 28 सितंबर को शाम 06 बजकर 49 मिनट पर होगा. उदयातिथि के आधार पर गणेश विसर्जन (Ganesh Visarjan Muhurat 2023) 28 सितंबर, गुरुवार के दिन किया जाना है. गौरतलब है कि गणेश विसर्जन के साथ ही 10 दिनों तक चलने वाले इस गणेश उत्सव का समापन हो जाएगा.

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गणेश विसर्जन शुभ योग (Ganesh Visarjan Shubh yog)

आपको बता दें कि गणेश विसर्जन 28 सितंबर को सूर्योदय के बाद शुरू हो जाएगा. इस अवसर पर भक्त गणप​ति बप्पा को खुशी-खुशी विदाई देते हैं और उनसे अगले साल फिर से आने की प्रार्थना करते हैं. इस बार गणेश विसर्जन रवि योग पर किया जाएगा. 28 सितंबर को रवि योग सुबह 06 बजकर 12 मिनट से प्रारंभ होकर देर रात 01 बजकर 48 मिनट तक रहने वाला है. बता दें कि रवि योग को बहुत ही उत्तम योग माना जाता है. मान्यतानुसार, इस योग में किया गया कार्य से हमें शुभ फल की प्राप्ति होती है. ऐसे में इस योग में गणेश विसर्जन करना भी आपके लिए शुभ और कल्याणकारी साबित होने वाला है. इस दौरान अगर आप गणेश विसर्जन करते हैं, तो आपके जीवन से सभी कष्ट मिट जाते हैं और आपके जीवन में सुख समृद्धि का आगमन होता है.

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गणेश विसर्जन पूजा विधि (Ganesh Visarjan Puja Vidhi)

गणेश विसर्जन के दिन प्रात:काल उठकर तन और मन से पवित्र होकर सबसे पहले भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा अर्चना करनी चाहिए. उसके बाद उन्हें उनकी प्रिय चीजें जैसे मोदक, नारियल, फल, फूल, आदि अर्पित करने के बाद मंत्रों का जप एवं आरती करनी चाहिए. इसके बाद उनका जयकारा लगाते हुए किसी पवित्र जल स्थान में ले जाकर आदर के साथ गणपति की मूर्ति का विसर्जन करना चाहिए. विसर्जन के बाद जाने अनजानें होने वाली भूल के लिए भगवान गणेश से माफी जरूर मांग लें और उनसे अपने, अपने परिवार व जग कल्याण के लिए प्रार्थना करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)