Adik Maas 2023 Ends Date: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर तीन साल में अधिक मास श्रावण माह के बीच में पड़ता है. साल 2023 में ये समय आया जब 15 दिन के सावन के बाद 1 महीने का अधिक मास लगा और उसके बाद से 15 दिन का और सावन का महीना चलेगा. इस तरह अधिक मास वाले साल 59 दिनों का सावन का महीना हो जाता है. इस साल अधिक मास की शुरुआत 18 जुलाई दिन मंगलवार से हो गई थी. ऐसे में महादेव के साथ-साथ भगवान विष्णु की पूजा भी की जाती है. चलिए आपको बताते हैं कि अधिक मास कब समाप्त होगा और उस दिन क्या-क्या करना चाहिए?

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कब समाप्त होगा अधिक मास? (Adik Maas 2023 Ends Date)

सावन का महीना भगवान शंकर को समर्पित होता है लेकिन अधिक मास का महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है इसी वजह से अधिक मास को पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं. अधिक मास में दान पुण्य का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है और जरूरतमंदों की मदद करना सबसे बड़ा फलदायी कार्य होता है. इस साल अधिक मास 16 अगस्त 2023 दिन बुधवार को समाप्त हो रहा है और इस दिन गंगा स्नान-दान करना शुभ होता है. अधिक मास समाप्ति वाले दिन भगवान विष्णु की पूजा करना शुभ माना गया है और इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा कराना अति उत्तम होता है. इसके अलावा अगर आप घर में या मंदिर में रुद्राभिषेक भी कराते हैं तो बहुत अच्छा माना जाता है. अधिक मास की समाप्ति पर क्या-क्या करें, वो प्वाइंट्स में समझें.

1.अधिक मास की समाप्ति 16 अगस्त को हो रही है तो इस दिन सुबह उठकर गंगा स्नान को निकल जाएं. स्नान के बाद गंगा मां की पूजा करें और उसके बाद सूर्यदेव की पूजा करें.

2.सूर्यदेव की पूजा करने के बाद मंदिर में भगवान शंकर के साथ भगवान विष्णु की पूजा करें और घर में होने वाली पूजा का अनुष्ठान करें. इसके बाद घर में कथा या रुद्राभिषेक का आयोजन करें.

  1. घर में पूजा के बाद मित्रगण, रिश्तेदारों और ब्राह्मणों को भोजन कराएं. इसके अलावा भूखों को ढूंढ-ढूंढकर भोजन कराएं. जरूरतमंदों की जरूरतों को पूरा करें और भगवान का कीर्तन करें.

4.अधिक मास की समाप्ति वाले दिन भगवान का कीर्तन करें जिससे महादेव और श्रीहरि प्रसन्न होंगे. अधिक मास की समाप्ति के बाद से सावन का महीना फिर से शुरु होगा.

5.अधिक मास की समाप्ति वाले दिन मंदिरों में जाकर भूखों को खाने का पैकेट दें और उनकी सामर्थ्य अनुसार जरूरत को पूजा करें. अधिक मास की समाप्ति के दिन दान का विशेष महत्व बताया गया है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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