Valmiki Jayanti 2023: रामानंद सागर की रामायण धारावाहिक के रूप में सभी को पसंद है लेकिन क्या आप जानते हैं कि असली रामायण किसने लिखी है? सनातन धर्म का महाकाव्य रामायण वाल्किमी जी ने लिखी थी और उन्होंने भविष्य में होने वाली कई बातों का जिक्र रामायण में होने वाली घटना से पहले ही कर दिया था. ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा को वाल्मिकी जी का जन्म हुआ था और इसी दिन उनकी जयंती भी मनाई जाती है. इस साल ये दिन 28 अक्टूबर को पड़ रहा है और इस दिन जगह-जगह आयोजन किया जाता है साथ ही झांकियां भी निकाली जाती हैं. वाल्मिकी जी कौन थे और उनसे जुड़ी कुछ बातें चलिए आपको बताते हैं.

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शरद पूर्णिमा के दिन ही क्यों मनाई जाती है वाल्मिकी जयंती? (Valmiki Jayanti 2023)

महर्षि वाल्मीकि (Maharishi Valmiki) के जन्म के कोई ठोस प्रणाम तो नहीं है लेकिन अलग-अलग विद्वानों और शास्त्रों के अनुसार, वाल्मिकी जी का जन्म महर्षि कश्यप और अदिति के 9वें पुत्र वरुण के पुत्र के रूप में हुआ था. ऐसा माना जाता है कि जन्म के बाद बचपन में ही उन्हें समुदाय के लोगों ने छीन लिया था और उनका पालन-पोषण भील समाज के लोगों ने किया और उनका नाम रत्नाकर रखा गया. कई जगह ये भी लिखा है कि अपना और अपने परिवार का पेट भरने के लिए वाल्मिकी जी लोगों को लूटा करते थे. काफी समय बाद उन्हें जब पता चला कि ये सबकुछ बेकार है तो उन्होंने सालों तपस्या की.

Films Based On Ramayan
रामानंद सागर की रामायण दर्शकों को बहुत पसंद आती है.(फोटो साभार:Screenshot/youtube)

एक बार की बात है जब वाल्मिकी जी तपस्या में लीन थे तब उनके शरीर पर दीमक लग गई, लेकिन उन्होंने तपस्या को भंग किए बिना अपनी साधना जारी रखी. उसके बाद ही उन्होंने अपनी आंखें खोलीं और उसके बाद अपने शरीर से दीमक को हटाया. ऐसा कहा जाता है कि जिस स्थान पर दीमक अपना घर बनाते हैं उसे वाल्मीकि कहते हैं, इसलिए उन्हें वाल्मीकि के नाम से जाना जाने लगा. अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन शरद पूर्णिमा मनाई जाती है और इसी दिन उनकी जयंती भी मनाई जाती है. ऐसी मान्यता है कि उन्हें भविष्य देखने का वरदान प्राप्त हुआ. उन्होंने संस्कृत में रामायण लिखी जो आदिकवि के रूप में प्रसिद्ध है. महर्षि वाल्मिकी की रचना रामायण एक महाकाव्य है जिसमें श्रीराम के जीवन के जन्म से लेकेर समाधि लेने तक की बातों का वर्णन है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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