हमारे सौरमंडल में कई तरह के परिवर्तन समय समय
पर देखने को मिलते हैं. इसी क्रम में आज धरती से सौर तूफान के टकराने के आसार बन
रहे हैं. एक स्पेस साइंटिस्ट और भौतिक विज्ञानी के दावे की मानें तो सौर तूफान के
चलते सूर्य की सतह में कई बड़े विस्फोट देखने को मिलते हैं, जिसके कारण
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन पैदा होने के साथ साथ अधिक गर्मी पैदा होती है.
हालांकि गर्मी का कोई असर तो धरती पर नहीं होगा लेकिन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन
का प्रभाव देखने को मिल सकता है और इसके फलस्वरूप अस्थायी तौर पर सिग्नल
ट्रांसमिशन में दिक्कत महसूस हो सकती है.

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रिपोर्ट्स की मानें तो सूर्य से सौर तूफान 4 जून को उठा था. जिसको
लेकर NOA ( नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन) की तरफ से एक अलर्ट भी जारी किया गया था. वहीं भौतिक
वैज्ञानिक डॉ तमिथा स्कोवी ने भी ट्वीट करके यह जानकारी देने का प्रयास किया था. इस ट्वीट में यह चीज
लिखी थी कि ‘सीधा प्रहार, धरती के
स्ट्राइक जोन में एक सांप जैसा फिलामेंट बड़े तौर तूफान के तौर पर लॉन्च हुआ है.
नासा ने इसके प्रभाव के बारे में बताते हुए कहा था कि इसकी वजह से सैटेलाइट
प्रभावित हो सकते हैं, साथ ही जीपीएस और रेडियो के फंक्शन में भी कई
तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, यदि ऐसा होता है तो धरती पर अधिक ऊंचाई पर
स्थित क्षेत्रों में बिजली जाने की भी संभावना उत्पन्न हो सकती है.’

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भौतिक वैज्ञानिक डॉ तमिथा स्कोवी की मानें तो इस सौर
तूफान के कारण रेडियो और जीपीएस ठप हो जाएंगे. वहीं इसके असर के कारण मोबाइल
सिग्नल भी प्रभावित हो सकते हैं, जिसके कारण ब्लैकआउट का खतरा बनने के भी आसार बन
रहे हैं. हालांकि सौर तूफानों को भी उनके प्रभाव की क्षमता के आधार पर बांटा गया
है. यह जी 3 लेवल का सौर तूफान है, जिससे कि बहुत ज्यादा हानि होने का खतरा नहीं
है.

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पहले भी दुनिया फेस कर चुकी है सौर तूफान

हालांकि ऐसा नहीं है कि सौर तूफान पहली बार आ
रहा है. साल 1989 में भी दुनिया ने सौर तूफान झेला था. उस वक्त इस घटना के कारण
कनाडा के क्यूबेक शहर पर काफी असर पड़ा था. जबकि 1859 में आए सौर तूफान के कारण
यूरोप और अमेरिका में टेलीग्राफ नेटवर्क को भारी नुकसान पहुंचा था. बता दें कि
दुनिया में सौर तूफान की घटनाएं कम ही होती हैं. जी 3 लेवल का तूफान होने के कारण
लोगों को खासा परेशान होने की आवश्यकता नहीं है. लेकिन हां ट्रांसमिशन की समस्या
देखने को मिल सकती है.