जब भी पैसों का निवेश करने की बात आती है, तो
लोग फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) का नाम सबसे पहले लेते हैं. क्योंकि लोगों का
मानना है कि इसमें इन्वेस्टमेंट से लेकर रिटर्न तक सारी चीजें फिक्स होती हैं तो
कोई जोखिम नहीं होगा. कहीं तक उनका सोचना सही भी होता है, लेकिन कभी कभी यह रिस्की
भी है. जी हां, फिक्स्ड डिपॉजिट मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं. एक होता है बैंक बेस्ड
फिक्स्ड डिपॉजिट और दूसरा होता हैं कॉर्पोरेट बेस्ड फिक्स्ड डिपॉजिट. अब सबसे बड़ा
मुद्दा यह बन जाता है कि आप इन्वेस्ट किसमें करने जा रहे हैं.

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जहां पर कॉर्पोरेट वर्ड लग जाता है, वहां वैसे भी चीजें हाई प्रोफाइल
हो जाती हैं. तो जाहिर है इसमें ज्यादा मुनाफे की पेशकश होती है. वहीं अगर दोनों
फिक्स्ड डिपॉजिट का तुलनात्मक अध्ययन किया जाए तो कार्पोरेट FD बैंक FD की तुलना में
ज्यादा फायदेमंद है, तो उसमें रिस्क भी उतना ही बढ़ जाता है. अक्सर फिक्स डिपॉजिट
के टर्म्स एण्ड कंडीशन्स को लेकर लोग काफी कॉन्फीडेंट रहते हैं लेकिन उसमें भी कुछ
ऐसे प्वाइंट्स हैं जो लोगों को पता नहीं होते हैं और बाद में पता चलने पर उन्हें
अच्छा खासा नुकसान उठाना पड़ सकता है. तो चलिए आज हम आपको फिक्स्ड डिपॉजिट
से संबंधित रिस्कों से अवगत कराते हैं.

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फुल रकम की सुरक्षा की नो गारंटी

बैंक एफडी को लेकर लोग बहुत कॉन्फीडेंट होते
हैं कि वहां उनका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है. वैसे तो यह सच है. लेकिन अगर किसी
कंडीशन में बैंक किसी तरह डिफॉल्ट कर जाए, तो निवेशकों को सिर्फ 5 लाख तक रुपया ही
वापस मिल सकेगा.

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महंगाई को देखते हुए रिटर्न न के बराबर

जहां बात फिक्स्ड डिपॉजिट की बात आती है. तो
यहां सारी चीजे पहले से फिक्स होती हैं. अमाउंट की मैच्यूरिटी ड्यूरेशन से लेकर
ब्याज की दर तक पहले से ही तय होती है. ऐसे में बढ़ती महंगाई से उसकी तुलना की जाए,
तो आप पाएंगे कि आपकी एफडी पर मिलने वाला रिटर्न बहुत ही कम है. जो कि ऊंट के मुंह
में जीरा के समान है.

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टैक्स का अटैक

फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज आय पूरी तरह से कर
योग्य हो सकती है. इसमे आपको छूट तभी मिल सकती है अगर आपकी उम्र 60 वर्ष से ऊपर है,
ऐसे केस में 50 हजार तक की ब्याज आय पर छूट मुहैय्या कराई जाती है. आपकी ब्याज आय
को आपकी आय के साथ जोड़कर आपके स्लैब को देखकर उसपर कर लगाया जाता है. तो ऐसे में
टैक्स की मार को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आप कितना मुनाफा उठा पा रहे हैं.