भारतीय कोच रवि शास्त्री गाबा में ऑस्ट्रेलिया का गुरूर तोड़ने के बाद ड्रेसिंग रूम में जब अपने ‘घायल योद्धाओं’ को उनके ‘साहस, संकल्प और जज्बे’ के लिये शाबासी दे रहे थे थे तो सभी चेहरों पर मुस्कान बिखरी थी तथा सीटियां और तालियां बज रही थी.

चोटिल खिलाड़ियों के कारण परेशान रही भारतीय टीम ने चौथे और अंतिम टेस्ट मैच में मंगलवार को 328 रन के मुश्किल लक्ष्य को हासिल करके ऑस्ट्रेलिया को उसके ‘अजेय किले’ गाबा में 32 साल बाद पहली हार का स्वाद चखाया जिसके बाद शास्त्री ने तीन मिनट से थोड़ा अधिक समय तक ड्रेसिंग रूम में यह भाषण दिया.

इस जीत से भावुक शास्त्री ने कहा, ‘‘जो साहस, संकल्प और जज्बा आपने दिखाया वह कल्पनातीत है. एक बार भी आपने पीछे मुड़कर नहीं देखा, चोटों से जूझने और 36 रन पर आउट (पहले टेस्ट में) होने के बावजूद आपने खुद पर भरोसा बनाये रखा.’’

शास्त्री जब अपनी बात कह रहे थे तब कप्तान अजिंक्य रहाणे चुपचाप उनके बगल में खड़े रहे. उन्होंने कहा, ‘‘यह आत्मविश्वास रातों रात नहीं आया लेकिन अब इस आत्मविश्वास के दम पर आप देख सकते हैं कि एक टीम के तौर पर आप खेल को कहां से कहां तक ले गये. आज भारत ही नहीं पूरा विश्व तुम्हें सैल्यूट करेगा.’’

शास्त्री ने कहा, ‘‘इसलिए आज तुमने जो किया उसको याद रखें. आपको इस पल का भरपूर आनंद लेना चाहिए. इसे अपने से दूर न जानें दे. इसका जितना लुत्फ उठा सकते हो उठाओ. ’’

शीर्ष बल्लेबाज और ऑस्ट्रेलिया की शार्ट पिच गेंदों को अपने शरीर पर झेलने वाले चेतेश्वर पुजारा, मैच विजेता ऋषभ पंत के बेजोड़ स्ट्रोक प्ले और युवा सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल के शांतचित जवाबी हमले का शास्त्री ने विशेष जिक्र किया. शास्त्री ने कहा, ‘‘इसकी शुरुआत मेलबर्न से हुई, सिडनी में प्रदर्शन शानदार रहा. इससे हम बराबरी के साथ यहां पहुंचे तथा आज जिस तरह से जीत दर्ज की वह असाधारण थी. शुभमन ने बेजोड़ खेल दिखाया. पुजी (पुजारा) आपको परम योद्धा (वॉरियर) के रूप में जाना जाएगा. ’’

शास्त्री जब यह कह रहे थे तो युवा तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज खुद को सीटी बजाने से नहीं रोक सके जबकि अन्य खिलाड़ियों ने तालियां बजायी. कोच ने कहा, ‘‘और ऋषभ का तो जवाब नहीं. आपने जिस तरह से बल्लेबाजी की उससे आपने कुछ को हर क्षण दिल का दौरा दिया लेकिन आपने बेहतरीन तरीके से अपनी भूमिका निभायी. ’’

इस उत्साही माहौल के बीच जो व्यक्ति शांतचित खड़ा था वह रहाणे था और शास्त्री ने उनकी नेतृत्वक्षमता की भी जमकर प्रशंसा की. उन्होंने कहा, ‘‘हम जिस स्थिति में थे वहां जिंक्स (रहाणे) ने नेतृत्व संभाला और वहां से जिस तरह से वापसी दिलायी और मैदान पर चीजों को नियंत्रण में रखा वह वास्तव में शानदार था.’’

शास्त्री ने टी नटराजन, वाशिंगटन सुंदर और शार्दुल ठाकुर की भी प्रशंसा की. नटराजन और वाशिंगटन का यह पहला टेस्ट मैच था. उन्होंने कहा, ‘‘तथा इस मैच में मैं तीन नये खिलाड़ियों और पहली पारी में उनके प्रदर्शन को नहीं भूलना चाहता हूं. नट्टू, वाशी और शार्दुल क्योंकि उसने जो अपना पहला टेस्ट (2018) खेला था उसमें वह चोटिल हो गया था. ’’

शास्त्री ने कहा, ‘‘आपने जज्बा दिखाया जिससे आस्ट्रेलिया पस्त हो गया कि हम छह विकेट पर 180 के स्कोर से वापसी करके 330 या 340 रन बना सकते हैं. ’’ भारत को अब पांच फरवरी से इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू श्रृंखला खेलनी है.