Ashes Series History: ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच क्रिकेट के इतिहास की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी जंग 16 जून से शुरू होने जा रही है. पांच टेस्ट मैचों की इस सीरीज का पहला मैच 16 जून, शुक्रवार से बर्मिंघम में खेला जाएगा. इंग्लैंड की टीम ऑस्ट्रेलिया से पिछली हार का बदला लेने उतरेगी. दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलियाई मौजूदा टेस्ट चैंपियन हैं और अभी एक सप्ताह भी नहीं बीता है जब उन्होंने इंग्लैंड की धरती पर भारत को हराकर ताज जीता था. इसलिए यह कड़ा मुकाबला होगा. कंगारुओं को सावधान रहना होगा क्योंकि इंग्लैंड की टीम ने अपने पिछले 13 में से 11 मैच जीते हैं.

ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच यह सीरीज 1882-83 में शुरू हुई थी और यह इसका 2022-23 सीजन है. यानी ये एशेज सीरीज करीब 140 साल पुरानी है. इस सीरीज के नाम के पीछे भी एक बड़ी कहानी है. ये कहानी भी 140 साल पहले हुए सीरीज से जुड़ी है. इससे पहले कि हम आपको कहानी सुनाएं, यह जान लेना भी जरूरी है कि यह द एशेज का 73वां संस्करण होने वाला है. इससे पहले यह सीरीज कुल 72 बार खेली जा चुकी है.

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कैसे मिला इसे Ashes नाम? (Ashes Series History)

दरअसल, साल 1882-83 में जब ऑस्ट्रेलियाई टीम इंग्लैंड खेलने पहुंची तो घरेलू टीम सीरीज हार गई. यह पहली बार था जब इंग्लैंड ने अपने घर में टेस्ट सीरीज गंवाई थी. उस समय स्थानीय मीडिया ने लिखा था कि यहां अंग्रेजी क्रिकेट खत्म हो गया है और अब इसकी राख (Ashes) ऑस्ट्रेलियाई टीम को दे दी जानी चाहिए. इस घटना के बाद 1883 में इंग्लैंड की टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गई. उस समय इंग्लैंड के कप्तान इवो ब्लिंग ने कहा था कि वह ऑस्ट्रेलिया से एशेज वापस लाने जा रहे हैं. जिसके बाद मीडिया ने फिर से इसे ‘Regain The Ashes’ लिखा. तब इंग्लिश टीम ने यह सीरीज भी जीती थी. इसके बाद इस एनकाउंटर को एशेज नाम मिल गया.