Mahamrityunjay Mantra lyrics and meaning in hindi; मृत्युंजय मंत्र को ‘रुद्र मंत्र’ भी कहा जाता है. इसे “ऋग्वेद VII.59.12”, “यजुर वेद III.60″, अथर्व वेद XIV.1.17”, “शिव पुराण” में लिखा पाया गया है. पौराणिक कथाओं के अनुसार ये मंत्र खुद भगवान शिव ने ऋषि शुक्राचार्य को दिया था. धार्मिक ग्रंथों में शिवजी के कई स्वरूपों का बखान है और उनमें से एक महामृत्युंजय स्वरूप के बारे में भी बताया गया है. इसमें भगवान शिव हाथों में आयु का वरदान प्राप्त हो जाता है.

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महामृत्युंजय मंत्र के बोल

ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्व: भुव: भू: ॐ स: जूं हौं ॐ !!

महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ हिंदी में 

हम उस त्रिनेत्रधारी भगवान शिव की आराधना करते है जो अपनी शक्ति से इस संसार का पालन -पोषण करते है उनसे हम प्रार्थना करते है कि वे हमें इस जन्म -मृत्यु के बंधन से मुक्त कर दे और हमें मोक्ष प्रदान करें. 

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कैसे करते हैं महामृत्युंजय मंत्र का जाप?

1. महामृत्युंजय मंत्र का जाप सवा लाख बार करना चाहिए. वहीं लघु महामृत्युंजय मंत्र का जाप 11 लाख बार करने से लाभदायक होता है.

2. सावन के महीने में इस मंत्र का जाप करना सबसे लाभकारी बताया गया है. इसके जाप को सावन के सोमवार से शुरू करना चाहिए.

3. रुद्राक्ष की माला को लेकर महामृत्युंजय मंत्र का जाप शुरू करना चाहिए. इसकी एक भी कड़ी को ध्यान में रखें कि वो छूटने ना पाए.

4. दोपहर 12 बजे के बाद महामृत्युंजय मंत्रों का जाप नहीं करना चाहिए, इसके लिए सुबह का समय उत्तम माना गया है. इसके बाद हवन जरूर करें.

5. जिस घर में शिवलिंग के सामने बैठकर महामृत्युंजय मंत्रों का जाप होता है वहां धन-धान्य और सुख-समृद्धि बनी रहती है.

6. मंत्र का जाप करने से पहले भगवान शिव को जल और बेलपत्र अर्पित करना चाहिए, इसके बाद ही मंत्रों का जाप आरंभ करें.

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.