Tulsidas Jayanti In Hindi: तुलसीदास जी (Tulsidas Jayanti 2023) एक बैरागी साधू, हिंदी साहित्य के महान कवि, साहित्यकार एवं दार्शनिक थे. तुलसीदास जी ने अपने जीवन काल में रामभक्ति में लीन रहकर अनेकों ग्रंथों की रचनाएं कीं. तुलसीदास जी के जन्म स्थान को लेकर विद्वानों में मतभेद है. ऐतिहासिक जानकारी और साक्ष्य के आधार पर बात करें, तो गोस्वामी तुलसीदास जी (Tulsidas Jayanti 2023) का जन्म 1511 ईस्वी में कासगंज , उत्तर प्रदेश में एक सर्यूपारिय ब्राह्मण परिवार में हुआ था, लेकिन कुछ विद्वान मानते हैं की तुलसीदास जी का जन्म राजापुर जिले के चित्रकूट में हुआ था. तुलसीदास जी के पिता का नाम आत्मा राम शुक्ल दुबे एवं माता जी का नाम हुलसी दुबे था तुलसीदास जी की माता एक आध्यात्मिक महिला एवं गृहणी थीं.

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तुलसी भक्ति काल की सगुण काव्यधारा की रामाश्रयी शाखा के प्रमुख एवं प्रतिनिधि कवि हैं. इन्होंने रामचरितमानस, विनय पत्रिका जैसे लगभग 12 उत्कृष्ट ग्रन्थों की रचना करके हिन्दी साहित्य की जो अभिवृद्धि की है, वह अन्य किसी कवि के द्वारा नहीं की गई. इनका ‘रामचरित मानस’ हिन्दी साहित्य का ही नहीं, अपितु, विश्व साहित्य का श्रेष्ठतम ग्रन्थ है. इसी एकमात्र ग्रन्थ के आधार पर तुलसीदास की गणना, विश्व साहित्य की महान विभूतियों में की जा सकती है. अपनी अद्वितीय काव्य-प्रतिभा, समन्वयवादी भावना और लोकमंगलकारी साधना के कारण तुलसी हिन्दी साहित्य में विशिष्ट स्थान रखते हैं. अत : तुलसीदास जी को हिन्दी साहित्य का सर्वश्रेष्ठ कवि कहा जा सकता है.

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आपको बता दें कि तुलसी ने लगभग 12 ग्रन्थों की रचना की है. इनमें रामचरित मानस, विनय पत्रिका, कवितावली, गीतावली, दोहावली, बरवै रामायण, पार्वती मंगल, जानकी मंगल, वैराग्य संदीपनी, रामलला नहछू आदि शामिल हैं. इन ग्रन्थों में रामचरित मानस हिन्दी का ही नहीं अपितु विश्व का सर्वश्रेष्ठ महाकाव्य है. समूचे भारत मैं यह ग्रन्थ बड़े सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. साहित्य के क्षेत्र में तो इसकी समता का अन्य कोई ग्रन्थ है ही नहीं. दूसरा श्रेष्ठ ग्रन्थ विनय पत्रिका को माना गया है. इसमें तुलसी ने भगवान राम से अपने उद्धार के लिए विनय की है. इस प्रकार तुलसीदास हिन्दी साहित्य के अमर कवि के रूप में जाने जाते हैं.