भारत के खिलाफ पहले टेस्ट में टीम की हार के कुछ घंटे बाद दक्षिण अफ्रीका के स्टार विकेटकीपर-बल्लेबाज क्विंटन डी कॉक (Quinton de Kock) ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. मैच खत्म होने के बाद ही डी कॉक ने गुरुवार को तत्काल प्रभाव से टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की.

पूर्व टेस्ट कप्तान, डी कॉक केवल 29 वर्ष के हैं और यह माना जाता है कि वह फ्रैंचाइज़ी-आधारित टी 20 लीग पर बहुत अधिक ध्यान देने के साथ, प्रोटियाज के लिए सफेद गेंद के प्रारूप में खेलना जारी रखेंगे.

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डिकॉक ने अपनी यंग फैमिली के साथ ज्यादा समय व्यतीत करने का हवाला देते हुए यह फैसला किया है.

क्विंटन डिकॉक ने कहा, ‘यह निर्णय लेना मेरे लिए आसान नहीं रहा है. मैंने यह सोचने में बहुत समय लिया है कि मेरा भविष्य कैसा दिखता है और अब मेरे जीवन में क्या प्राथमिकता होनी चाहिए. साशा और मैं इस दुनिया में अपने पहले बच्चे का स्वागत करने वाले हैं और अपने परिवार को उससे आगे बढ़ाना चाहते हैं. मेरा परिवार मेरे लिए सब कुछ है और मैं अपने जीवन के इस नए और रोमांचक चैप्टर के दौरान उनके साथ रहने के लिए समय और स चाहता हूं.

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डिकॉक ने कहा, ‘मैं इस अवसर पर उन सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं जो शुरू से ही मेरी टेस्ट क्रिकेट यात्रा का हिस्सा रहे हैं. मेरे कोच, टीममेट, विभिन्न मैनेजमेंट टीमों, मेरे परिवार और दोस्तों के समर्थन के बिना मैं यहां नहीं दिख सकता था. प्रोटियाज के रूप में मेरे करियर का अंत नहीं है. मैं सफेद गेंद के क्रिकेट के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हूं और भविष्य के लिए अपनी क्षमता के अनुसार अपने देश का प्रतिनिधित्व करूंगा.’

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क्विंटन डिकॉक ने साउथ अफ्रीका के लिए 54 टेस्ट मैचों में भाग लिया. इस दौरान उनका 38.82 की औसत से 3300 रन बनाए. टेस्ट मैचों में डिकॉक के बल्ले से 6 शतक और 22 अर्धशतक निकले. डिकॉक ने 221 कैच और 11 स्टंपिंग किए.

डी कॉक ने उद्घाटन आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में तीसरे सबसे अधिक कैच भी लिए हैं – 11 मैचों में 48 (47 कैच और 1 स्टंपिंग) और 2019 में सेंचुरियन में इंग्लैंड के खिलाफ एक पारी में व्यक्तिगत रूप से सर्वश्रेष्ठ छह विकेट लिए हैं.

दक्षिण अफ्रीका सेंचुरियन में भारत से पहला टेस्ट 113 रन से हार गया.

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