योग गुरु बाबा रामदेव ने एलोपैथी और एलोपैथिक डॉक्टरों के बारे में अपनी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर हंगामे के बीच शनिवार को एक्टर आमिर खान का एक वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है. इस वीडियो को शेयर करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि इन ‘मेडिकल माफियाओं’ में हिम्म्त है तो आमिर खान के खिलाफ मोर्चा खोलें.

रामदेव ने ‘सत्यमेव जयते’ सीरियल के एक एपिसोड का वीडियो शेयर किया है, जिसको आमिर खान होस्ट करते थे. इस वीडियो में डॉ समित शर्मा बात कर रहे हैं कि कैसे एलोपैथी दवाओं को कई गुना दामों पर बेचा जाता है. ‘सत्यमेव जयते’ का ये एपिसोड 2012 में दिखाया गया था. 

शो में शामिल हुए डॉ शर्मा को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “दवाओं की मूल कीमत काफी कम है. लेकिन जब हम उन्हें बाजार से खरीदते हैं, तो हम उन दवाओं के लिए 10-50% अतिरिक्त भुगतान करते हैं. इन्हें ऊंचे दामों पर बेचा जाता है. भारत में 40 करोड़ से अधिक लोग दिन में दो बार भोजन नहीं कर पाते हैं. क्या वे अधिक कीमत वाली दवाएं खरीद सकते हैं?” आमिर खान ने बीच में चौंकते हुए पूछा, “कई लोग बढ़ी हुई कीमतों के कारण दवाएं खरीदने में विफल रहते हैं?”

इसपर डॉ शर्मा ने सिर हिलाते हुए कहा, “हां डब्ल्यूएचओ का कहना है कि आजादी के 65 साल बाद भी 65 फीसदी भारतीय आबादी के पास बढ़ी हुई कीमतों के कारण आवश्यक दवाओं तक नियमित पहुंच नहीं है. 

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उदाहरण के साथ समझाते हुए उन्होंने कहा, “ब्लड कैंसर की दवा के एक पैकेट की कीमत आमतौर पर 1.25 लाख रुपये होती है. वहीं इसकी जेनेरिक दवाएं लगभग 10,000 रुपये में खरीदी जा सकती हैं.”

क्या है रामदेव और IMA के बीच विवाद?

बाबा रामदेव का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने कोरोनो वायरस संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही कुछ दवाओं पर सवाल उठाया था. जिसके बाद इस पर विवाद छिड़ गया. बाबा रामदेव ने कथित रूप से अपने बयान में कहा था कि, “कोविड-19 के इलाज में एलोपैथिक दवाएं लेने की वजह से लाखों लोग मर गये.”

इस टिप्पणी का जोरदार विरोध हुआ, जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने उनसे ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ बयान वापस लेने को कहा. इसके बाद रामदेव को एक बयान वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा.

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वहीं, एक दिन बाद, योग गुरु ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) को अपने ट्विटर हैंडल पर एक ‘ओपन लेटर’ में 25 सवाल किए, जिसमें पूछा गया कि क्या एलोपैथी में बीमारियों के लिए स्थायी राहत है.  

IMA की तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा गया है. इस पत्र में IMA ने योग गुरू बाबा रामदेव के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की है. इसमें आरोप लगाया गया है कि रामदेव की ओर से कोरोना टीका को लेकर भ्रामक और गलत बयान दिए गए हैं.

IMA ने कहा है कि, “पतंजलि के मालिक रामदेव के टीकाकरण पर गलत सूचना के प्रचार को रोका जाना चाहिए. एक वीडियो में उन्होंने दावा किया कि वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद भी 10,000 डॉक्टर और लाखों लोग मारे गए हैं. उन पर देशद्रोह के आरोपों के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए.”

अब नाराज रेजिडेंट डॉक्टर संघों के सदस्यों ने शनिवार को कहा कि वे एक जून को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे और इसे ‘काला दिवस’ के रूप में मनाएंगे.  

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