International Tiger Day 2023: विश्व वन्यजीव कोष (WWF) के अनुसार, 20वीं सदी के अंत तक बाघों की 95 प्रतिशत आबादी खत्म हो गई थी.  नवीनतम गणना के अनुसार इस समय जंगल में केवल 3900 बाघ ही उपलब्ध हैं. लेकिन इसके साथ ही भारत में बाघों की आबादी लगभग 33 प्रतिशत हो गई है. बाघों की बढ़ती आबादी की उपलब्धि पर भी प्रकाश डाला गया, हालाकिं, बाघ संरक्षण के संदर्भ में अभी भी बहुत जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है. बाघों की आबादी में कमी का मुख्य कारण अवैध शिकार, जलवायु परिवर्तन और मनुष्यों द्वारा उनके प्राकृतिक घर को नष्ट करना है.

बाघों की लगातार घटती संख्या को नियंत्रित करने, बाघ प्रजातियों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए हर साल 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है. अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के माध्यम से हम ऐसे उज्ज्वल भविष्य के लिए सक्रिय रूप से काम कर सकते हैं. जहां इंसान और बाघ शांति से रह सकें.

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अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस का इतिहास (International Tiger Day 2023)

सबसे पहले, अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पहली बार 2010 में मनाया गया था, क्योंकि पिछली शताब्दी तक जंगलों में बाघों की संख्या लगभग 97 प्रतिशत कम हो गई थी, कहा जाता है कि केवल 3,000 बाघ ही बचे हैं और यह गिरावट जारी है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में बाघ सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें हर साल 29 जुलाई को बाघ दिवस मनाने का निर्णय लिया गया.

शिखर सम्मेलन के दौरान, बाघों की आबादी वाले 13 बाघ रेंज वाले देशों ने 2023 तक अपने देश की बाघों की आबादी को दोगुना करने के लिए प्रतिबद्धता जताई. अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य बाघों की घटती संख्या में लगातार गिरावट को रोकना है. कई शोधों के बाद यह पाया गया कि निवास स्थान की हानि, जलवायु परिवर्तन, मनुष्यों और बाघों के बीच संघर्ष और अवैध शिकार जैसे कई कारण हैं, जिसके कारण बाघों की संख्या कम हो रही है.

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अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस का महत्व!

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य जंगल में बाघों के आवास संरक्षण और विकास की आवश्यकता के बारे में दुनिया भर में सार्वजनिक जागरूकता पैदा करना था. यहां बता दें कि अवैध शिकार और लगातार वनों की कटाई के कारण आसपास के कई देशों में बाघों की मौत हो रही है. दुनिया. संख्या में काफी कमी आई है. इस समिट में शामिल कई देशों की सरकारों ने साल 2023 तक बाघों की संख्या दोगुनी होने की उम्मीद जताई है.