आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि भारत में हाल में लागू कृषि कानूनों में किसानों की आय बढ़ाने की क्षमता है, लेकिन साथ ही कमजोर किसानों को सामाजिक सुरक्षा देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि को सुधारों की जरूरत है.

वाशिंगटन स्थित वैश्विक वित्तीय संस्थान की मुख्य अर्थशास्त्री ने मंगलवार को कहा कि ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां सुधार की जरूरत है.

भारत सरकार ने पिछले साल सितंबर में तीन कृषि कानूनों को लागू किया था, और इन्हें कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों के रूप में पेश किया गया है, जो बिचौलियों को दूर करेगा और किसानों को देश में कहीं भी अपनी उपज बेचने की आजादी देगा.

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गोपीनाथ ने नए कृषि कानूनों पर एक सवाल के जवाब में कहा, ‘ये कृषि कानून खासतौर से विपणन क्षेत्र से संबंधित हैं. इनसे किसानों के लिए बाजार बड़ा हो रहा है. अब वे बिना कर चुकाए मंडियों के अलावा कई स्थानों पर भी अपनी पैदावार बेच सकेंगे. और हमारा मानना है कि इसमें किसानों की आय बढ़ाने की क्षमता है.’

उन्होंने कहा, ‘जब भी कोई सुधार किया जाता है, तो उससे होने वाले बदलाव की एक कीमत होती है. यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इससे कमजोर किसानों को नुकसान न पहुंचे. यह सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराई जा सकती है. अभी एक फैसला किया गया है, और देखना होगा कि इसका क्या नतीजा सामने आता है.’

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भारत में हजारों किसान नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, जिनमें से ज्यादातर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं. इस सिलसिले में किसान संगठनों की सरकार के साथ कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है, हालांकि उसका कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है.