गणेश चुतर्थी (Ganesh Chaturthi) का त्यौहार पूरे देश में धूम-धाम से मनाया जा रहा है. इस अवसर पर गणपति बप्पा की मूर्ति की स्थापित कर रहे हैं. अब पूरे 10 दिनों तक गणपति की पूजा की जाएगी. वहीं, 10वें दिन गणपति बप्पा की मूर्ति का विसर्जन किया जाएगा. लेकिन गणपति का विसर्जन करनेवालों को थोड़ा ध्यान रखना होगा. दिल्ली एनसीआर के लोगों के लिए ये जरूरी गाइडलाइन जारी की गई है. गणपति विसर्जन को ध्यान में रखते हुए दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी ने गाइडलाइन जारी की हैं.

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आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी यानी डीपीसीसी ने गणेश और दुर्गा मूर्तियों के विसर्जन को लेकर जो गाइडलाइन जारी की हैं. बता दें सितंबर में ही दुर्गा पूजा भी शुरू होनेवाली है. ऐसे में गणेश चतुर्थी और दुर्गा पूजा दोनों के लिए गाइडलाइन जारी की गई है. इसके मुताबिक, यमुना में विसर्जन नहीं किया जा सकेगा. ऐसा करने पर 50 हजार रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है.

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बताया गया है कि, अलग-अलग जिलों में विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाब बनाए जाएंगे. जहां मूर्तियों का विसर्जन किया जा सकेगा. इसके साथ ही केवल प्राकृतिक मिट्टियों से बने मूर्तियों को इस्तेमाल करने की इजाजत होगी. पीओपी की मूर्तियों को इजाजत नहीं दी गई है. दिल्ली पुलिस ने शहर में ऐसे मूर्तियों को ले जानेवाले वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने का निर्देश दिया है.

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बताया जा रहा है कि, अगर कोई नियमों को नहीं मानता है और उसकी अवहेलना करता है तो जुर्माने के अलावा 6 महीने के जेल की सजा भी हो सकती है.

बता दे कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने 2015 में यमुना में मूर्ति विसर्जन पर प्रतिबंध लगा दिया था. लेकिन दिल्ली सरकार ने साल 2019 में नए निर्देश जारी किये थे.