हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2022) के रूप में मनाई जाती है. इस साल यह त्योहार 31 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा. इस दिन घरों में गणेश जी (Lord Ganesha) की मूर्ति स्थापित कर उनकी पूजा-अर्चना की जाती है. हिंदू धर्म में मान्यता है कि कोई भी शुभ कार्य करने से पहले भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है और गणेश महोत्सव के समय तो खासकर चारों ओर भक्तिमय माहौल हो जाता है. लेकिन क्या आपको पता है गणेश चतुर्थी का त्योहार क्यों मनाया जाता है और इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं? इस लेख से माध्यम से हम आपको बताएंगे.
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क्यों मनाते हैं गणेश चतुर्थी का त्योहार?
1. महाभारत की रचना को लिपिबद्ध किया गया
शास्त्रों के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को महर्षि वेदव्यास ने भगवान गणेश से महाभारत की रचना को लिपिबद्ध करने की प्रार्थना की थी. जिसके बाद गणेश चतुर्थी के दिन ही वेदव्यास जी ने श्लोक बोलना और गणेश जी ने उसे लिपिबद्ध करना शुरू किया था.
वेदव्यास जी धाराप्रवाह बोलते गए और गणेश जी बिना रुके लिखते गए. इस कारण दस दिनों में उनके शरीर पर धूल, मिट्टी की परत जमा हो गई, तब दस दिन बाद गणेश जी ने सरस्वती नदी में स्नान करके अपने शरीर पर जमी धूल और मिट्टी को साफ किया. इस कारण इस दिन से गणेश महोत्सव (Ganesh Festival) दस दिन तक मनाया जाता है.
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2. भगवान गणेश का जन्म हुआ था
गणेश चतुर्थी के दिन ही माता पार्वती के पुत्र गणेश जी का जन्म हुआ था. इसलिए इस दिन को गणेश जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है.
गणेश चतुर्थी के दिन क्या करें और क्या नहीं?
1. गणेश चतुर्थी के दिन लहसुन और प्याज नहीं खाने चाहिए. संभव हो तो गणेश जी के विसर्जन तक लहसुन और प्याज खाने से बचें क्योंकि ये चीजें तामसिक मानी जाती है और इनका प्रयोग वर्जित बताया गया है.
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2. भगवान गणेश जी की पूजा में तुलसी दल का प्रयोग करना वर्जित माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार तुलसी ने गणेश जी को विवाह का प्रस्ताव दिया था. जिसे भगवान गणेश ने स्वीकार नहीं किया था और तुलसी माता ने उन्हें शाप दे दिया. इससे क्रोधित होकर भगवान गणेश ने भी उन्हें राक्षस से शादी करने का शाप सुना दिया था. यही कारण है कि भगवान गणेश की पूजा में तुलसी दल का प्रयोग नहीं किया जाता है.
3. गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की नई मूर्ति ही स्थापित करना चाहिए. अगर आपके पास पुरानी मूर्ति हो तो उसका विसर्जन कर दें. साथ ही घर में गणेश जी की दो मूर्ति नहीं रखें क्योंकि 2 मूर्ति रखने से वास्तुदोष भी लगता है.
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4. हिंदू धर्म में कोई भी पूजा में काले और नीले रंग के वस्त्र निषेध बताए गए हैं. इसलिए गणेश जी की पूजा में आप सफेद, लाल और पीले रंग के वस्त्र पहनना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)