दिल्ली के जामिया नगर के दो लोगों को लखनऊ में गिरफ्तार किया गया है, जो कथित तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से मिली फंडिंग की मदद से उत्तर प्रदेश में बधिर छात्रों और अन्य गरीब लोगों का धर्म परिवर्तन करा रहे थे. 

लखनऊ के एटीएस पुलिस स्टेशन में मामले की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उत्तर प्रदेश की एंटी टेरर स्क्वॉड ने गिरफ्तारियां की. 

ये भी पढ़ें: 21 जून को बना वैक्सीनेशन का नया रिकॉर्ड, पीएम मोदी ने देशवासियों को दी बधाई

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम के रूप में की है, ये दोनों नई दिल्ली के जामिया नगर के निवासी हैं. 

गौतम जामिया नगर के बाटला हाउस का रहने वाला है, जहां सितंबर 2008 में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल और इंडियन मुजाहिदीन के गुर्गों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे. आतंकियों में से दो की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और दो गिरफ्तार कर लिए गए थे, जबकि दो अन्य भाग गए थे. 

प्रशांत कुमार ने कहा कि खुद हिंदू धर्म से इस्लाम में परिवर्तित हुए गौतम ने पुलिस को बताया है कि उसने कम से कम 1,000 लोगों को शादी, पैसे और नौकरी का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया है. 

ये भी पढ़ें: बिहार सरकार ने किया अनलॉक-3 का ऐलान, जानें क्या हैं नई गाइडलाइंस

प्रशांत कुमार ने अनुसार गौतम ने बताया है कि उसने करीब 1000 गैर-मुसलमानों को इस्लाम में परिवर्तित कराया है, उन्होंने उनकी शादी मुसलमानों से कराई है.  

कुमार ने कहा कि जिस संगठन को उन्होंने चलाया उसका नाम इस्लामिक दावा सेंटर है, जिसके पास पाकिस्तान की ISI और अन्य विदेशी एजेंसियों से फंडिंग है.

ADGP ने कहा कि एटीएस इस मामले में खुफिया जानकारी के आधार पर काम कर रही थी कि कुछ लोगों को ISI और अन्य विदेशी एजेंसियों से गरीब लोगों को इस्लाम में परिवर्तित करने और समाज में सांप्रदायिक दुश्मनी फैलाने के लिए धन मिल रहा था. दोनों के ऊपर धर्म परिवर्तन कानून के तहत केस दर्ज किया गया है. 

कुमार ने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों को अदालत में पेश किया जाएगा और पुलिस मामले की आगे की जांच के लिए उनकी हिरासत की मांग करेगी. 

With PTI inputs 

ये भी पढ़ें: WTC Final: अच्छा तो इस कारण हुई टीम इंडिया की दुर्दशा, आप भी जान लीजिए